रॉस टेलर ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. क्राइस्टचर्च में बांग्लादेश के खिलाफ खेला और उसे जीता टेस्ट मैच उनके करियर का आखिरी रहा. इस मैच के जरिए टेस्ट क्रिकेट से रॉस टेलर की विदाई इतनी शानदार हुई कि उनका नाम हमेशा हमेशा के लिए इतिहास के उस पन्ने में दर्ज हो गया, जिसमें गिनती के अब तक 4 क्रिकेटरों के नाम छपे हैं. रॉस टेलर उस लिस्ट में शुमार होने वाले दूसरे कीवी प्लेयर हैं. बहरहाल, उस लिस्ट की बात करें, उससे पहले रॉस टेलर की विदाई आखिर शानदार, जानदार और यादगार कैसे बनी, वो जान लेना जरूरी है.
क्राइस्टचर्च टेस्ट में न्यूजीलैंड ने फॉलोऑन खेल रही बांग्लादेश की दूसरी पारी में 9 विकेट चटका दिए थे. वैगनर, जैमिसन, साउदी, बोल्ट मतलब जितने भी उसके गेंदबाज थे, सबने विकेट ले रखे थे. ऐसे में बात जब आखिरी विकेट की आई तो अनुभवी गेंदबाज टिम साउदी ने कप्तान टॉम लैथम से सलाह कर गेंद रॉस टेलर को थमा दी. इसके पीछे मकसद वही था कि वो विकेट के साथ अपने टेस्ट करियर को आखिरी सलाम ठोके. और, रॉस टेलर ने ऐसा किया भी.
आखिरी टेस्ट की लास्ट बॉल पर विकेट के साथ विदा : पूरे मैच में अपना पहला ओवर डाल रहे रॉस टेलर ने तीसरी ही गेंद पर बांग्लादेश के पुछल्ले बल्लेबाज इबादत हुसैन का विकेट ले लिया. बस फिर क्या था मैदान पर तो जैसे मजमां ही लग गया. सारे कीवी खिलाड़ियों ने टेलर को घेर लिया और उनके जश्न में शरीक हो गए. इस नजारे को देख स्टेडियम में बैठे उनके बीवी बच्चे भी भावुक हो उठे.
112 टेस्ट में लिए सिर्फ 3 विकेट : इबादत हुसैन का विकेट रॉस टेलर के टेस्ट करियर का आखिरी विकेट तो था ही साथ ही 112 टेस्ट मैच खेलने का बाद लिया सिर्फ तीसरा विकेट था. इससे पहले आखिरी बार 2 विकेट उन्होंने 11 साल पहले साल 2011 में भारत के खिलाफ खेले अहमदाबाद टेस्ट में लिए थे. तब टेलर ने हरभजन और श्रसंत को अपना शिकार बनाया था. यानी टेलर के तीनों टेस्ट विकेट एशियाई बल्लेबाजों के हैं और टेलेंडर्स के रहे हैं.
इन खिलाड़ियों की जमात में शामिल होने वाले पहले बल्लेबाज : मैच की आखिरी गेंद पर विकेट लेकर टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले पहले बल्लेबाज, दूसरे कीवी और दुनिया के चौथे खिलाड़ी हैं. उनसे पहले ऐसी विदाई न्यूजीलैंड के ही रिचर्ड हेडली, ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरण को मिल चुकी है. इस लिस्ट में शामिल टेलर इकलौते खिलाड़ी हैं जिनकी पहचान टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाज की नहीं बल्कि बल्लेबाज की रही है.