केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक मां-बाप की अंतिम इच्छा पूरी कर दी। राजस्थान में रहने वाले मां-बाप के बेटे की दक्षिण अफ्रीका में हाट अटैक से मृत्यु हो गई। मां-बाप आखिरी बार अपने बेटे को देखना चाहते थे, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि शव को भारत लाने का खर्च उठा सकें। परिवार को लोगों ने सिंधिया से संपर्क किया तो उन्होंने पूरा खर्चा ही माफ करा दिया।
धौलपुर, राजस्थान के रहने वाले देवेंद्र सिंह परिहार केपटाउन में कृषि विभाग में कंसल्टेंट के पद पर काम कर रहे थे। 28 जुलाई को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। परिवार को लोगों ने उनका शव भारत लाने का प्रयास किया, लेकिन इसके लिए 28 लाख रुपये का खर्च उन्हें बताया गया। देवेंद्र का मध्यमवर्गीय परिवार इतना खच उठाने की हालत में नहीं थी।
समस्या केवल पैसों की ही नहीं थी। कोविड प्रोटोकॉल के चलते वहां से फ्लाइट का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा था। देवेंद्र के कुछ रिश्तेदार एमपी के भिंड और गुना में रहते हैं। उन्होंने मदद के लिए सिंधिया के ऑफिस से संपर्क किया। सिंधिया ने दो अधिकारियों को इस काम में लगा दिया। साथ ही, शव को भारत लेकर आने में लगने वाला पूरा खर्च माफ कर दिया।
मृतक देवेंद्र के चाचा जितेंद्र तोमर ने बताया कि उन्होंने सिंधिया के करीबी एक स्थानीय नेता के जरिये उनसे संपर्क किया था। केंद्रीय मंत्री को जैसे ही इसका पता चला, उन्होंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दे दी। देवेंद्र का शव बुधवार को केपटाउन से दिल्ली पहुंचा। फिर सड़क मार्ग से उसे धौलपुर ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ।