भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि प्रत्येक विकेट गिरने के बाद बिना चिल्लाए भी प्रतिबद्धता दिखाई जा सकती है। भारतीय कप्तान विराट कोहली मैदान पर आक्रमक रहते हैं, लेकिन उन्हें इसको लेकर पूर्व कप्तान गावस्कर का समर्थन नहीं मिला है।
गावस्कर का कहना है कि आक्रमकता को अपने चेहरे पर दिखाने की जरूरत नहीं है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने अपने कॉलम में लिखा था, ‘कोहली सही समय पर भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिए सही व्यक्ति हैं। उनके खिलाड़ी, विशेषकर गेंदबाज आक्रामक कप्तान चाहते हैं। यह भारतीय टीम वो टीम नहीं है जिसे बुली किया जा सके।’
अतीत की टीमों को बुली किए जाने का संदर्भ गावस्कर को सही नहीं लगा, जिन्होंने पहले दिन कमेंट्री बॉक्स में हुसैन की टिप्पणियों का अपवाद लिया और कहा कि केवल आपके चेहरे पर आक्रामकता दिखाने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि आक्रामकता का मतलब है कि आपको हमेशा विपक्ष का सामना करना पड़ता है। आप जोश दिखा सकते हैं, आप अपनी टीम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा सकते हैं।’ यह स्पष्ट संदर्भ कोहली के मैदान पर व्यवहार करने के तरीके से था। गावसकर हालांकि इस बात से सहमत थे कि कोहली टीम में ऊर्जा लाते हैं और उस पर हुसैन उनका समर्थन करते हैं।