मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में प्लांट टैक्सोनॉमी विषय पर छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यषाला का शुभारंभ उच्च षिक्षा मंत्री माननीय मोहन यादव द्वारा किया गया। कार्यषाला का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि उच्च षिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि पौधों में प्राण बसते हैं। इसलिए देष के प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वो पौधरोपण करने के साथ ही उनकी प्रजाति के विषय में भी जानकारी अर्जित करें। उन्होंने षिक्षण के क्षेत्र में मानसरोवर समूह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेष सरकार संस्थान के उत्थान में सहभागिता के लिए हमेषा तैयार रहेगी। कार्यषाला बॉटैनिक सर्वे ऑफ इंडिया, एम.पी.सी.एस.टी., नेषनल एकेडेमी ऑफ साइंसेस के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
विषिष्ट अतिथि बॉटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर डॉ. ए.ए. माओ ने कहा कि पादप वर्गीकरण और पौधों की पहचान करना एक कला है। उन्होंने यह भी कहा कि इंटरनेट के इस युग में पौधों की सही पहचान करना आज रिसर्च पर्सन्स के लिए चैलेंज बनता जा रहा है। क्योंकि यहां जो सामग्री है वह विषय विषेषज्ञों द्वारा तैयार नहीं की जाती। इसी क्रम में विषिष्ट अतिथि विक्रम विष्वविद्यालय के कुलपति अखिलेष कुमार पाण्डेय जी ने कहा कि आयुर्वेद और फार्मेसी के क्षेत्र में भी पादप वर्गीकरण का विषेष महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि सही औषधी के निर्माण के लिए सही पौध की पहचान बेहद जरूरी है।
मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर गौरव तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यषाला के आयोजन से निष्चित ही हम हरे भरे भारत की परिकल्पना को साकार कर सकेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वाइस चांसलर डॉ. अरूण कुमार पाण्डेय ने कहा कि मध्य भारत में पहली बार मानसरोवर समूह द्वारा प्लांट टैक्सोनॉमी कार्यषाला का आयोजन किया गया है, जिसमें कि ट्रेडिषनल टैक्सोनॉमी और मॉलिक्यूलर टैक्सोनॉमी का समागम है। अंत में मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रो. वाइस चांसलर कर्नल एच.आर. रूहिल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम का संचालन साक्षी भारद्वाज ने किया। इस दौरान संयोजक कृषि विभाग के डीन डॉ. सौरभ दुबे, संयोजक फार्मेसी डीन डॉ. विषाल गुप्ता, कृषि विभाग के एच.ओ.डी. सतीष शर्मा सहित बड़ी संख्या में षिक्षक-षिक्षिकाएं आदि मौजूद रहे।