पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 11 वर्षीय हिंदू लड़के का यौन उत्पीड़न कर बेरहमी से हत्या कर दी गई है। लड़के के परिवारवालों ने कहा कि वह शुक्रवार शाम को अचानक लापता हो गया था। उसका शव शनिवार को सिंध प्रांत के खैरपुर मीर इलाके के बबरलोई कस्बे में एक सुनसान घर में मिला। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
गुरुनानक जयंती में व्यस्त था पूरा परिवार : द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लड़के के संबंधी राज कुमार के हवाले से कहा कि पूरा परिवार गुरुनानक जी की जयंती के कार्यक्रमों में व्यस्त था। हमें नहीं पता कि बच्चा कैसे लापता हो गया। वह 11 रात बजे घर में मृत मिला। बबरलोई थाने के एसएचओ ने कहा कि अपराधियों ने लड़के का यौन उत्पीड़न करने के बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। एसएचओ ने कहा कि हमने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
नाबालिग के शरीर पर प्रताड़ना के निशान : बाल संरक्षण प्राधिकरण, सुक्कुर के जुबैर महर ने कहा कि नाबालिग के शरीर पर प्रताड़ना के भी निशान हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में सूबे में इस तरह की यह दूसरी घटना है। महर ने कहा कि कुछ समय पहले, सुक्कुर जिले के सालेह पाट में हिंदू समुदाय की एक नाबालिग लड़की लापता हो गई थी। पुलिस ने उसकी बरामदगी के लिए 25 लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की, लेकिन यह सब व्यर्थ गया।
पाकिस्तान में नाबालिग हिंदू लड़कियों पर भी अत्याचार : मानवाधिकार संस्था मूवमेंट फॉर सॉलिडैरिटी एंड पीस (MSP) के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल 1000 से ज्यादा ईसाई और हिंदू महिलाओं या लड़कियों का अपहरण किया जाता है। जिसके बाद उनका धर्म परिवर्तन करवा कर इस्लामिक रीति रिवाज से निकाह करवा दिया जाता है। पीड़ितों में ज्यादातर की उम्र 12 साल से 25 साल के बीच में होती है।
पीड़ितों की पहुंच न होने के कारण नहीं होती है सुनवाई : मानवाधिकार संस्था ने यह भी कहा कि आंकड़े इससे ज्यादा भी हो सकते हैं क्योंकि ज्यादातर मामलों को पुलिस दर्ज नहीं करती है। अगवा होने वाली लड़कियों में से अधिकतर गरीब तबसे से जुड़ी होती हैं। जिनकी कोई खोज-खबर लेने वाला नहीं होता है। इस कारण प्रशासनिक स्तर पर भी लापरवाही दिखाई जाती है।