अफगानिस्तान में तालिबान का असली कट्टरपंथी चेहरा अब सामने आने लगा है। दुनिया से मान्यता देने की गुहार लगा रहे तालिबान ने महिलाओं को लंबी दूरी तक बस या अन्य वाहनों में अकेले यात्रा करने पर रोक लगा दी है। यही नहीं कार में म्यूजिक बजाने पर भी तालिबान ने बैन लगा दिया है। तालिबान ने यह भी कहा है कि महिलाओं को यात्रा के दौरान हिजाब पहनना होगा। तालिबानी शासन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब वह पहले ही बच्चियों के पढ़ने पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुका है।
तालिबान ने अपने नए आदेश में कहा है कि महिलाएं बस में 70 किमी से अधिक की दूरी अकेले तय नहीं कर सकेंगी। इससे आगे जाने के लिए उनके साथ किसी पुरुष संरक्षक का होना जरूरी होगा। उसने कहा कि लंबी दूरी तक जाने वाली अकेली महिलाओं को गाड़ी में न बैठाया जाए। तालिबान ने सत्ता में आने के बाद दावा किया था कि वह प्रगतिशील हो गया है लेकिन उसके आदेश यह बताते हैं कि 20 साल पहले वाले तालिबान और अब के तालिबान में कोई बदलाव नहीं आया है।
‘महिलाओं के साथ उनका करीबी पुरुष रिश्तेदार होना चाहिए’ : तालिबानी मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जो महिलाएं हिजाब पहने हुए हैं, उन्हें ही 70 किमी से आगे जाने की अनुमति दी जाए। मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक अकीफ मुहाजिर ने कहा, ‘महिलाओं के साथ उनका करीबी पुरुष रिश्तेदार होना चाहिए।’ तालिबान ने यह आदेश ऐसे समय पर दिया है जब उसने कुछ सप्ताह पहले ही टीवी पर महिला कलाकारों वाले नाटक बैन कर दिए हैं। यही नहीं महिला टीवी पत्रकारों को टीवी पर हिजाब में आने के लिए मजबूर कर दिया है।
इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान के दो चुनाव आयोगों के साथ-साथ शांति और संसदीय मामलों के मंत्रालयों को भंग कर दिया है। तालिबान सरकार के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि देश के स्वतंत्र निर्वाचन आयोग और चुनाव शिकायत आयोग को भंग कर दिया गया है। करीमी ने ‘अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति के लिए इन्हें गैर जरूरी संस्था’ बताया। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में आयोगों की जरूरत पड़ी तो तालिबान सरकार फिर से इन संस्थाओं का गठन कर सकती है।
तालिबान की कैद से छूटे पत्रकारों के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दिए जिससे साफ है कि उनको बुरी तरह से पीटा गया है। नई सरकार बनने के बाद तालिबान ने बुधवार को काबुल में एक दैनिक समाचारा पत्र एटिलाट्रोज के पांच पत्रकारों का गिरफ्तार कर लिया। अफगानिस्तान के कई पत्रकारों ने ट्वीट कर बताया कि हिरासत में लिए गए पांचों पत्रकारों को बेरहमी से तालिबान के लड़ाकों ने पीटा। चार पत्रकारों को रिहा कर दिया गया लेकिन एक अभी भी तालिबान की हिरासत में बताया जा रहा है। हिरासत से छूटकर आए पत्रकारों ने तालिबान की बेरहमी के निशान दिखाए। पत्रकारों को इतनी बेरहमी से पीटा गया कि उनकी पीठ पर निशान बन गए। तालिबान की रिहाई से छूटे एक पत्रकार की इतनी पिटाई की गई कि वह अपने पैरों पर चल नहीं पा रहा था।
तालिबान के धार्मिक नेता मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के नए मंत्रिमंडल की घोषणा के कुछ घंटे बाद एक बयान जारी कर कहा कि नया मंत्रिमंडल तुरंत अपना काम शुरू कर देगा। अखुंदजादा ने एकबार फिर साफ कर दिया कि देश में लोकतांत्रिक नहीं बल्कि इस्लामी नियमों और शरिया कानून को कायम रखने के लिए नई सरकार काम करेगी। सरकार का ऐलान होते ही तालिबान के लड़ाके अहम जगहों पर बंदूकों के साथ तैनात हो गए हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद यह दिखाने की कोशिश तो की जा रही है कि हालात सामान्य हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। अफगानिस्तान में बाजार जरूर खुल रहे हैं, लेकिन तालिबान के डर से लोग बाजारों में आ नहीं रहे हैं। बाजारों पर तालिबानी खौफ का साया एकदम साफ नजर आ रहा है।
तालिबान ने महिला मामलों के मंत्रालय को बंद कर दिया : अफगानिस्तान के नए शासन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी मान्यता नहीं मिली है। ऐसी आशंकाएं हैं कि तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिए गए अपने आश्वासन के बावजूद 20 साल पहले की सत्ता के समय के कठोर कदमों को लागू कर सकता है। इन दोनों चुनाव आयोगों के पास राष्ट्रपति, संसदीय और प्रांतीय परिषद चुनावों समेत देश में सभी तरह के चुनाव और उनकी निगरानी करने का अधिकार था। करीमी ने कहा कि तालिबान ने शांति मंत्रालय और संसदीय मामलों के मंत्रालय को भी भंग कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के मौजूदा ढांचे में वे अनावश्यक मंत्रालय थे। इससे पहले तालिबान ने महिला मामलों के मंत्रालय को बंद कर दिया था।