राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि खेलों में हारना-जीतना मायने नहीं रखता है। जीवन एक खेल है। इसलिए खेलना बहुत जरूरी है। खेल जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वस्थ शरीर के साथ-साथ मानसिक विकास के लिए खेल आवश्यक है। खेलने से खेल भावना आती है। जीवन के प्रति नज़रिया और सोच सकारात्मक होती है।
राज्यपाल श्री पटेल पुरस्कार वितरण उपरांत खिलाड़ियों, खेल प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। भारतीय विश्वविद्यालय संघ पश्चिम क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालयीन बैडमिंटन प्रतियोगिता समापन समारोह आज राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के खेल प्रशाल में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्री रवि कुमार गुप्ता भी मौजूद थे।
राज्यपाल ने चोटिल खिलाड़ी के पास पहुँच किया पुरस्कृत
राज्यपाल श्री पटेल खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन आगे बढ़कर करते हैं। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में जब उन्हें पता चला कि महिला वर्ग में रजत पुरस्कार प्राप्त करने वाली सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की टीम की सदस्या रिया कुंजेर चोटिल हो गई हैं। इस कारण वह पुरस्कार प्राप्त करने नहीं आई हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने तत्काल एम्बुलेंस तक जाकर रजत पदक से उनको सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के ओलंपिक 2020 के प्रतिभागी विवेक सागर और ऐश्वर्य प्रताप सिंह को भी राजभवन में आमंत्रित कर सम्मानित किया था।
खेलने से सहयोग की भावना मज़बूत होती
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य अकादमिक, बौद्धिक, नैतिक, सामाजिक एवं शारीरिक विकास द्वारा छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है। अकादमिक और खेल गतिविधियाँ समग्र शिक्षा के लिए समान रूप से जरूरी है। इसी लिए नई शिक्षा नीति में भी खेलों को बढ़ावा दिया गया है। खेल व्यक्तियों को आपस में जोड़ता है। उनमें एक दूसरे की मदद और सहयोग की भावना को मज़बूत करता है। खेलना सहयोग, अनुशासन और निरंतर प्रयासों से सफलता का भरोसा देता है।
खेलों के प्रति सरकार और समाज का नज़रिया बदला
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी खेलों को बहुत प्रोत्साहन देते हैं। उनके मुख्यमंत्री काल में ही खेलों गुजरात अभियान पहली बार शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री ने खेलों के प्रति सरकार और समाज के नजरिये को बदला है। खेलों इंडिया स्कीम, द्वारा स्पोर्ट्स फॉर ऑल और स्पोर्ट्स फॉर एक्सीलेंस को बढ़ावा दिया है। फिट इंडिया मूवमेंट ने बेहतर और स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम को आमजन की दिनचर्या में शामिल कराया है। देश के युवा प्रतिभाओं को खोजने के लिए खेल प्रतिभा पोर्टल शुरू कर वंचित और दूरस्थ क्षेत्रों की खेल प्रतिभाओं को भी नए अवसर दिए हैं। उनके प्रयासों का ही प्रतिफल है कि देश ने पहली बार ओलंपिक 2020 में सात पदक प्राप्त किए हैं। राज्यपाल ने प्रतियोगिता के सभी खिलाड़ियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए विजेताओं को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्रदान किए।
कुलपति सुनील कुमार ने प्रतियोगिता का संक्षिप्त विवरण देते हुए बताया कि प्रतियोगिता में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश की 133 टीमों के 614 खिलाड़ियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय खेल और टेक्नोलॉजी को समन्वित करते हुए नए पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने प्रयास कर रहा है।
राज्यपाल ने महिला वर्ग में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल को स्वर्ण, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय को रजत एवं देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर को कांस्य पदक से सम्मानित किया। पुरुष वर्ग में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय को स्वर्ण, देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर को रजत और शिवाजी विश्वविद्यालय कोल्हापुर को कांस्य पदक से पुरस्कृत किया।