देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन वैरिएंट दोगुनी तेजी से फैल रहा है इसलिए एक्सपर्ट लोगों को ज्यादा से ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं और लक्षणों बताकर आगाह कर रहे हैं। डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन के लक्षण काफी अलग है। ऐसे में हल्के-सर्दी जुकाम को भी हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। हालांकि सर्दी-जुकाम, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत ही नहीं बल्कि ओमिक्रॉन के कई और लक्षण भी नजर आ रहे हैं।
हल्के में ना लें साधारण सर्दी-जुकाम : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मरीजों को 3 से 5 दिन में सर्दी-जुकाम, खांसी, गले में खराश और बुखार की शिकायत सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। संक्रमित मरीजों को 102-103 डिग्री तक बुखार और साथ ही पूरे शरीर व सिर में तेज दर्द हो रहा है। ऐसे में साधारण सर्दी जुकाम को नजरअंदाज करना हानिकारक साबित हो सकता है।
पेट से भी जुड़े ओमिक्रॉन के लक्षण : एक्सपर्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन में मरीजों को बिना श्वसन संबंधी या बुखार के भी उल्टी, भूख न लगना, दस्त, जी मिचलाना और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं। नए स्ट्रेन में ज्यादातर लोगों में पीठ दर्द व पेट खराब होने की दिक्कत पाई जा रही है। यही नहीं, वैक्सीनेटेड लोगों में भी ये लक्षण दिख रहे हैं। ऐसे में अगर ये लक्षण दिखाई दे तो बिना देरी जांच करवाएं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स : एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ लोगों को संक्रमण की शुरुआत में बिना सर्दी-जुकाम के सिर्फ पेट में दिक्कत हो रही है। दरअसल, ओमिक्रॉन के कारण पेट के ऊपर की पतली परत म्यूकोसा (gut mucosa) में इंफेक्शन हो जाता है, जिसकी वजह से वो सूज जाती है। यही वजह है कि इसके कारण पेट से जुड़ी दिक्कतें सामने आ रही हैं।
इन गलतियों से बचें : . बीमारी के लक्षणों को हल्के में ना लें और जागरूक रहें। हल्के लक्षणों को वायरल या एलर्जी समझने की गलती ना करें।
. इंफेक्शन से मिलते-जुलते लक्षण दिखने पर भी कोरोना की जांच करवाएं।
. अगर आप जांच नहीं करवा रहे हैं तो कुछ दिन आइसोलेशन में रहें। ओमिक्रॉन मरीजों को कम से कम 2-3 दिन बुखार होता है। ऐसे में फिर भी लक्षण कम ना हो तो जांच करवा लें।
. अगर बुखार 102-103 डिग्री तक हो और कम ना हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
. हाई बीपी या डायबिटीज के मरीज ज्यादा सतर्क रहें क्योंकि इसका खतरा अधिक है।
. बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई कोई दवा ना खाएं।
. खुद को हाइड्रेटेड रखें और हल्का-फुल्का खाना खाएं। साथ ही पूरी नींद लें और शरीर को पूरा आराम दें।
. इस दौरान मसालेदार खाने और शराब से बिल्कुल दूर बनाकर रखें।