ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ तनाव के बीच होर्मुज जलडमरूमध्य के पास बड़ा नौसैनिक अभ्यास किया है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने बताया कि पांच दिनों तक चले इस अभ्यास में जमीनी, हवाई और नौसैनिक ताकत का प्रदर्शन किया है। इसी रास्ते से होकर दुनिया के कुल कच्चे तेल व्यापार का पांचवां हिस्सा गुजरता है। ईरान के इस शक्ति प्रदर्शन को अमेरिका के लिए सीधी चुनौती माना जा रहा है।
होर्मुज जलडमरूमध्य के नजदीक किया अभ्यास : ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य के पास उस द्वीप के नजदीक ही यह युद्धाभ्यास किया है, जहां 2016 में अमेरिकी नौसेना की दो गश्ती नौकाओं को जब्त किया गया था। ईरान ने तब अमेरिकी नेवी के 10 सेलर्स को गिरफ्तार भी किया था। माना जा रहा है कि इस जगह के चुनाव के पीछे भी अमेरिका को चेतावनी देना था। जनवरी में ईरान ने इसी इलाके में दक्षिण कोरिया के एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था।
बातचीत नाकाम होने के दो दिन बाद शुरू की एक्सरसाइज : ग्रेट प्रॉफेट नाम की यह एक्सरसाइज हाल में ही ईरान और दूसरे देशों के बीच परमाणु वार्ता के बिना नतीजे के खत्म होने के दो दिन बाद आयोजित की गई है। ईरान के साथ परमाणु समझौते पर पहुंचने के लिए चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और रूस बात कर रहे हैं। इस बातचीत में अमेरिका अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा ले रहा है। इजरायल ने डर जताया है कि ईरान बातचीत की आड़ में परमाणु बम बनाने की कोशिश कर रहा है।
भूमिगत परमाणु केंद्र बना रहा ईरान : समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस ने कुछ दिनों पहले सैटेलाइट तस्वीरों को जारी कर दावा किया था कि ईरान फोर्डो गांव के नजदीक तेजी से भूमिगत परमाणु सुविधा केंद्र का निर्माण कर रहा है। वहीं, ईरान ने अभी तक फोर्डो में किसी भी नए निर्माण को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है। हालांकि, नई तस्वीरों के आने के बाद कई देशों ने तेहरान पर जुबानी हमले जरूर किए हैं।
अमेरिका से भारी मुआवजा मांग रहा ईरान : ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि उनका देश इस शर्त पर जेसीपीओए में लौटने के लिए तैयार होगा, जब हमें भारी रियायतें दी जाती हैं। अमेरिका को हमें प्रतिबंधों से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी देना होगा। बाइडन ने भी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने भाषणों में यह संकेत दिया था कि वह ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर से शामिल हो सकते हैं।