मायावती ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सपा जब भी सत्ता में आती है तो बीजेपी मजबूत होती है। बीएसपी सत्ता में आती है तो बीजेपी कमजोर होती है। सपा और बीजेपी दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठाकर समाज का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी का 300 और सपा का 400 विधानसभा सीटें जीतने का दावा बचकाना लग रहा है, क्योंकि इस हिसाब से तो चुनाव आयोग को यूपी विधानसभा में सीटें बढ़ाकर 1,000 करनी पड़ेंगी। किसमें कितना दम है, यह आने वाले समय में साफ हो जाएगा।
मायावती ने साफ किया कि बीएसपी की सरकार बनी तो वही मुख्यमंत्री होंगी। उन्होंने सतीश चंद्र मिश्र या आकाश आनंद के मुख्यमंत्री के दावेदार होने के सवाल पर कहा कि चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और सर्व समाज की इच्छा है कि मैं ही पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनूं। खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि यह तो समय ही बताएगा। अखिलेश यादव और योगी क्या करते हैं, उनसे मेरी तुलना न करें। पार्टी के उत्तराधिकारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मेरा स्वास्थ्य ठीक है। जब काम करने लायक नहीं रहूंगी तो ऐलान कर दिया जाएगा।
‘युवाओं को टिकट मिलना अच्छी बात’ : बीएसपी में युवाओं को 50 फीसदी टिकट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा होना तो अच्छी बात है और लिस्ट आने पर यह साफ हो जाएगा। कांग्रेस में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए जाने पर कहा कि केंद्र में और कई राज्यों में सरकार होने पर उन्होंने 33 फीसदी आरक्षण का कानून क्यों नहीं बनाया? अब यहां चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब है तो इस तरह के वादे किए जा रहे हैं। मायावती ने एक बार फिर कहा कि बीएसपी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बड़े नेताओं के बीएसपी छोड़ने के सवाल पर कहा कि ये बड़े होते तो मैं उनको क्यों निकालती? वे जहां भी जा रहे हैं, अकेले ही जा रहे हैं। उनके साथ बीएसपी के लेाग नहीं जा रहे।
‘बीजेपी सरकार बनी तो ब्याज समेत वसूलेगी’ : मायावती ने कहा कि बीजेपी को आम जनता के दुख-दर्द की इतनी चिंता होती तो पेट्रोल-डीजल के दाम और हर तरह से ये महंगाई न बढ़ती। चुनाव नजदीक आने पर पेट्रोल-डीजल के दामों में मामूली कमी की है। चुनाव जीतकर बीजेपी सत्ता में आई तो फिर इसकी भी भरपाई ब्याज समेत कर लेगी। यह बात जनता को ध्यान में रखनी चाहिए। कोरोना काल और बाढ़ के समय बीएसपी ने जमीन पर काम किया, लेकिन कभी ढिंढोरा नहीं पीटा। इनकी सरकार तो राष्ट्रधर्म नहीं निभा पाई बल्कि अपनी तिजोरी भरती रही।
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