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September 21, 2024
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बच्चे के डेवलपमेंट को देखना हर पेरेंट्स को ख़ुशी देता है

बच्चा स्मार्ट और टैलेंटेड बने यह चाहत हर मां-बाप की होती है. बच्चे के डेवलपमेंट को देखना हर पेरेंट्स को ख़ुशी देता है. बड़ा होकर बच्चा कैसा बनेगा पेरेंट्स इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं. उन्हें यह पता होना चाहिए कि बच्चा बड़ा होकर किस तरह के नेचर को अपनाएगा, इसकी बड़ी ज़िम्मेदारी पेरेंट्स की होती है. उनकी दी हुई सीख ही बच्चे को आगे बढ़ने में मदद करती है.
सीख में सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि सामाजिक ज्ञान भी ज़रूरी है. जिसे जानते-समझते हुए बच्चा अपना भला-बुरा समझ सके और किसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी डटकर खड़ा रहे. आज हम आपको बताते हैं उन तरीकों के बारे में, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चों को हर परिस्थिति के लिए मानसिक तौर पर तैयार कर सकेंगे.
समय का महत्व बताएं : ज़िंदगी में कहीं भी होने के लिए समय की पाबंदी बेहद ज़रूरी है. समय की अहमियत बच्चे को बचपन से ही समझाएं, ताकि बड़े होने के साथ-साथ वह समय को लेकर ज़िम्मेदार रहे और इसे बर्बाद करने से बचे.
गलतियों पर डांटे नहीं : बड़े हो या बच्चे वे जब तक गलती नहीं करते, बुरे अनुभव नहीं बटोरते, उन्हें अच्छे का ज्ञान नहीं होता है. बच्चे से चाहे कोई भी गलती हुई हो, उसे मारने-पीटने के बजाय अहसास करवाएं कि उसने गलती की है और इस गलती से क्या नुकसान हुआ है. गलती की सज़ा से अधिक ज़रूरी उसका अहसास है.
बात रखने का मौका दें : अगर आप चाहते है कि बच्चा बड़ा होकर डरपोक न बनें, तो इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि उसे अपनी बात रखने का मौका मिले. बचपन से ही अगर उसमें यह विश्वास रहेगा कि वो अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र है, तो बड़े होकर उसमें निर्भीकता विकसित होगी और वो अपना मत रखने की स्थिति में होगा.
आत्मसम्मान का महत्व बताएं : बचपन से ही सेल्फ रेस्पेक्ट का पाठ पढ़ना ज़रूरी है. अगर बच्चे को बड़े होकर भी अपने आत्मसम्मान से किसी तरह का समझौता करते हुए नहीं देखना चाहते हैं, तो इसकी ट्रेनिंग बड़े होने के बाद नहीं, बल्कि बचपन से ही दी जानी ज़रूरी है.
बच्चे की फीलिंग्स की कद्र करें : आपके बच्चे को दुनिया में इज़्ज़त तब मिलेगी, जब यही इज़्ज़त उसे अपने घर पर मिले. बच्चा छोटा है, इसलिए उसके साथ मज़ाक किया जा सकता है या उसका मज़ाक उड़ाने में कोई बुराई नहीं है, इस गलतफहमी में न रहें. आपके इस व्यवहार से बच्चे का मन उग्र हो सकता है और वह इस भ्रम का शिकार हो सकता है कि उसकी फीलिंग्स की कोई इज़्ज़त नहीं है.

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