बांग्लादेश में दुर्गापूजा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 13 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया में आई खबरों में दी गई। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मामुन मंडल को गिरफ्तार किया, जो इस्लामी छात्र शिविर का कार्यकर्ता है। संगठन जमात-ए- इस्लामी का सहयोगी संगठन है। पुलिस ने स्थानीय मौलवी उमर फारूक को भी रविवार को गिरफ्तार किया।
‘बीडीन्यूज24डॉटकॉम’ ने पुलिस अधीक्षक बिप्लव कुमार सरकार के हवाले से बताया, ‘मामुन 2012 से ही छात्र शिविर में सक्रिय था। बाद में कुछ समय के लिए वह मलेशिया में रहा। उमर फारूक पीरगंज दक्षिण बस स्टैंड मस्जिद में इमाम था।’ दुर्गापूजा के दौरान मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना के विरोध में अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध-प्रदर्शन के बीच यहां से 255 किलोमीटर दूर रंगपुर जिले के पीरगंज उपजिला में क्रुद्ध भीड़ ने 17 अक्टूबर को 66 घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और हिंदुओं के कम से कम 20 घरों में आग लगा दी थी।
अब तक 68 लोग गिरफ्तार : खबर के मुताबिक, पीरगंज के थाना प्रभारी सुरेश चंद्र ने बताया कि मामुन ने हिंसा की रात ‘पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई।’ ‘बीडीन्यूज24डॉटकॉम’ की खबर के अनुसार, नोआखाली में हिंदू समुदाय के विरोध में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के एक नेता सहित 11 और लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने मुख्य आरोपी शैकत मंडल सहित अभी तक 683 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुख्य आरोपी ने कबूल किया गुनाह : अदालत के एक अधिकारी के अनुसार शैकत मंडल ने रविवार को एक मजिस्ट्रेट के सामने स्वीकार किया कि उसके फेसबुक पोस्ट के कारण 17 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के दौरान पीरगंज उप-जिले के रंगपुर में हिंसा भड़की थी। मंडल का साथी रबीउल इस्लाम (36) मौलवी है और उसके खिलाफ आगजनी तथा लूटपाट का आरोप लगा है। मंडल रंगपुर के कारमाइकल कॉलेज में दर्शनशास्त्र का छात्र है और उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे सत्तारूढ़ अवामी लीग की छात्र शाखा छात्र लीग से निष्कासित कर दिया गया था मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में कुल आबादी का करीब 10 फीसदी हिंदू हैं।