टीम इंडिया के डाइट प्लान पर बवाल बढ़ता देख बीसीसीआई को सामने आना ही पड़ा। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने उन सारी रिपोर्ट्स को नकारा है, जिसमें खिलाड़ियों को सिर्फ हलाल मीट परोसे जाने की बात कही गई थी। धूमल का कहना है कि खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ चाहे जो खाए यह उनकी व्यक्तिगत पसंद का मसला है। बोर्ड ने कभी ऐसी कोई योजना नहीं बनाई।
दरअसल, गुरुवार से कानपुर में शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पहले टीम इंडिया का कैटरिंग मेन्यू सामने आया था। मेन्यू में खाने की चीजों का बिल्कुल साफ-साफ उल्लेख किया गया है। मेन्यू में स्पष्ट लिखा है कि बीफ और पोक नहीं परोसा जाएगा। साथ ही जो भी मीट बनेगा वो सिर्फ हलाल मांस से ही बनेगा। माना जा रहा है कि भोजन की यह सूची खिलाड़ियों के पोषण को ध्यान में रखते हुए सहयोगी स्टॉफ और चिकित्सा दल ने तैयार की है।
पोक-बीफ नहीं मिलेगा : व्यंजन सामग्री में दो तरह के मांस का जिक्र किया गया है। चिकन (मुर्गे का मांस) और भेड़ का मांस। सूचीबद्ध मांसाहारी भोजन में भुना हुआ चिकन, भेड़ का भुना हुआ मांस, काली मिर्च सॉस के साथ भेड़ के मांस के चॉप, मुर्ग यखनी, चिकन थाई करी, मसालेदार ग्रील्ड चिकन, गोवा मछली करी, टंगड़ी कबाब और लहसुन की चटनी के साथ तला हुआ चिकन शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर मचा था बवाल : अरुण धूमल की माने तो डाइट प्लान पर तो कभी बात ही नहीं हुई तो उसे थोपने की बात निराधार है। बोर्ड किसी को नहीं बताता कि आपको क्या खाना है और क्या नहीं। टीम इंडिया के नया मेन्यू जैसे ही इंटरनेट पर वायरल हुआ। लोगों ने बीसीसीआई की बैंड बजा दी थी। भारतीय बोर्ड जमकर ट्रोल हुआ।
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष की ओर से आई सफाई के बाद शायद टीम इंडिया अब खेल पर पूरी तरह फोकस कर पाए। सामने न्यूजीलैंड की चुनौती किसी भी तरह से हल्की नहीं। बीते एक-दो साल में कीवी टीम ने भारत को कई झटके दिए हैं।