पेड़ की राल में फंसे केकड़े के विश्लेषण से पता चला है कि यह दक्षिण पूर्वी एशिया के जंगलों से मिला प्राचीन जानवरों की सबसे पुरानी खोज है। बड़ी बात यह है कि 10 करोड़ साल बाद भी इस जीव के वंशज वैसे ही दिखाई देते हैं। यह नवीनतम खोज समुद्री जानवरों के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
म्यांमार के जंगलों में एक पेड़ की राल (गोंद) में 10 करोड़ साल पुराने केकड़े का जीवाश्म मिला है। इस अद्भुत खोज के बादे में डिटेल जानकारी बुधवार को साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित हुई। पहली नजर में यह जानकारी जुरासिक पार्क फिल्म के किसी सीन जैसी लग सकती है, लेकिन यह वास्तविक घटना है। इस जीवाश्म के अध्ययन में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, युन्नान यूनिवर्सिटी, रेजिना यूनिवर्सिटी, लिन यूनिवर्सिटी, ड्यूक यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी और चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ जियोसाइंसेज के आठ रिसर्चर्स शामिल थे।
पेड़ की राल में फंसे केकड़े के विश्लेषण से पता चला है कि यह दक्षिण पूर्वी एशिया के जंगलों से मिला प्राचीन जानवरों की सबसे पुरानी खोज है। बड़ी बात यह है कि 10 करोड़ साल बाद भी इस जीव के वंशज वैसे ही दिखाई देते हैं। यह नवीनतम खोज समुद्री जानवरों के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इससे यह भी पता चल सकता है कि ये जीव दुनिया में कैसे और कब फैले।
पेड़ की राल में मिला पहला केकड़ा : सिर्फ 5 मिलीमीटर का यह केकड़ा किसी पेड़ की राल में मिला पहला जीव है। इसे डायनासोर के जमाने का बताया जा रहा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह केकड़ा गैर-समुद्री वातावरण में घुसपैठ के सबसे पुराने सबूतों में पहला है। इस खोज को इसलिए भी अनोखा माना जा रहा है, क्योंकि अभी तक पेड़ की राल में अभी तक मिले जीवाश्म आमतौर पर स्थलीय आर्थ्रोपोड होते हैं। इसमें मुख्य रूप से कीड़े शामिल होते हैं।
मुंह, आंख और गलफड़े पूरी तरह संरक्षित : स्टडी में यह भी बताया गया है कि यह म्यांमार में क्रेतेसियस काल से राल में मिले केकड़ों का पहला रिकॉर्ड है, जिसे ब्रैच्यूरा भी कहा जाता है। इस जीवाश्म में केकड़े की आंखे, मुंह और गलफड़े पूरी तरह से संरक्षित हैं। यह केकड़ा क्राउन यूब्राच्युरा या ट्रू क्रैब्स के नाम से जाना जाता है। ये केकड़े घोसले बनाकर रहते थे। इसे वर्तमान में ब्राच्युरन प्रजातियों का नजदीकी रिश्तेदार माना जाता है।
125 मिलियन साल पहले समुद्री पूर्वजों से अलग हो गए थे ये केकड़े : इस स्टडी के प्रमुख लेखक जेवियर ल्यूक ने बताया कि गैर समुद्री केकड़े 125 मिलियन वर्ष पहले अपने समुद्री पूर्वजों से अलग हो गए थे। ल्यूक वर्तमान में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान और विकासवादी जीवविज्ञान विभाग में एक पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता हैं।