गोपालगंज. देश में जातिगत जनगणना (Caste Based Census) को लेकर लगातार बहस जारी है और सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं. इस बीच बिहार में बीजेपी कोटे के एक मंत्री ने कहा कि देश में जातिगत नहीं, बल्कि गरीबों की जनगणना हो. प्रदेश के सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह (Bihar Minister Shubhash Singh) ने गोपालगंज में कहा कि जातपात में ही जब लोग डूबे रहेंगे तब देश कभी विकास नहीं करेगा. मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृह विधानसभा क्षेत्र गोपालगंज पहुंचे मंत्री सुभाष सिंह ने जोर देकर कहा कि देश में गरीबों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है.
सुभाष ने कहा कि गरीब कैसे समाज की मुख्य धारा में आएं, उन्हें कैसे आर्थिक रूप से मजबूत करना है इस पर विचार होना चाहिए. देश में अगर जातीय जनगणना होती है तो इससे किसी खास एक वर्ग को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि जातीय जनगणना से तनाव की स्थिति भी पैदा हो जाए. अगर इससे लाभ होता तो 1931 के बाद से जातिगत जनगणना क्यों नहीं हुई? इसे बंद क्यों कर दिया गया, क्योंकि उसका बुरा असर देखने को मिला. मंत्री ने पूछा कि जाति को ऊपर उठाना है कि गरीबों को ऊपर उठाना है.
सहकारिता मंत्री ने सीएम नीतीश कुमार को पीएम मैटीरियल के सवाल पर तंज कसते हुए कहा कि वही लोग पीएम मैटीरियल बताते हैं और वही लोग सुनते हैं. उन्होंने कहा कि देश में और बिहार में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार चल रही है. नरेंद्र मोदी का जो सपना है कि किसानों की आय दोगुनी हो वही काम नीतीश कुमार भी कर रहे हैं. किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. बिहार में भी फसल क्षति मुआवजा के लिए पहले किसानों को प्रीमियम राशि देनी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ ऑनलाइन वो अपने क्षति का कंप्लेन दे रहे हैं.
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