कल जब 30 दिसंबर को अफ्रीका में जीत की इबारत लिखकर 2021 को अलविदा कहने की बात की तो दुबई का तो किसी ने तब सोचा भी नहीं था कि नए साल का जश्न 31 दिसंबर की शाम से दुबई से ही शुरू हो जाएगा। दुबई मे अंडर 19 एशिया कप के फाइनल में भारतीय युवाओं ने श्रीलंका को इकतरफा अंदाज में हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया।
अफ्रीका में सीनियर्स जीते तो दुबई में अंडर 19 टीम, अर्थात बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह।
टॉस श्रीलंका ने जीता था और पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया परंतु चौथे ही ओवर में भारतीय टीम ने श्रीलंका का पहला विकेट हासिल कर दबाव बनाने की जो शुरुआत की तो देखते देखते 25 ओवर तक श्रीलंका की आधी टीम पैवेलियन लौट चुकी थी। अंत में रविंद्र डिसिल्वा 17 व रोड्रिगो के 19 रनों की मदद से श्रीलंका 38 ओवर में 106 रन ही बना सका। विकी ओस्तवाल ने 3 और कौशल तांबे ने 2 विकेट लेकर श्रीलंका को हाथ खोलने का मौका ही नहीं दिया। भारतीय गेंदबाजो ने किस प्रकार दबाव बनाया था यह इसी से साफ हो जाता है कि श्रीलंका के लिए पहला चौका 88 गेंदों के बाद आया था।
पानी गिरने से भारत को डकवर्थ लुईस नियम से 38 ओवर में 99 रन का लक्ष्य दिया गया। भारत की शुरुआत भी ख़राब हुई और हरनूर सिंह मात्र 8 रन के कुल स्कोर पर आउट हो गये। लेकिन रघुवंशी 56* और सेमीफाइनल के हीरो शेख रासिद 31* ने मोर्चा सम्हाला और भारत को 9 विकेट से 21वे ओवर में ही जीत दिला दी।
एशिया कप की इस जीत ने भारतीय क्रिकेट को भविष्य के नए सितारों से रूबरू कराया है। हरनूर सिंह इस टूर्नामेंट में एक शतक समेत 250 से ज्यादा रन बनाने वाले एक मात्र बल्लेबाज रहे वहीं रविवर्धन जो कि आल राउंडर हैं, ने 7 विकेट हासिल किए। बांए हाथ के रवि ओस्तवाल ने फाइनल में 8 ओवर में मात्र 11 रन देकर 3 विकेट हासिल किए। भारत की इस युवा शक्ति ने न केवल एशिया कप जीता बल्कि देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को जश्न मनाने का शानदार अवसर प्रदान किया है।
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