रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य को लेकर डरा देने वाली धमकियां सामने आ रही हैं। रूस ने चेतावनी दी है कि दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा ‘वास्तविक’ है। इस धमकी के बाद भी यूक्रेन को मिलने वाली पश्चिमी मदद रुकी नहीं है। अब चीन ने भी रूसी धमकी को खारिज किया है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। चीन ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी हमले की आलोचना नहीं की है और न ही मॉस्को पर किसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
चीन ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की यूक्रेन युद्ध को लेकर परमाणु संघर्ष की ‘गंभीर’ आशंका संबंधी चेतावनी को मंगलवार को खारिज करते हुए कहा कि कोई भी तीसरा विश्व युद्ध नहीं देखना चाहता। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद तीसरे विश्व युद्ध के छिड़ने के खतरे के बारे में लावरोव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘कोई भी तीसरा विश्व युद्ध नहीं देखना चाहता।’
चीन ने की संयम बरतने की अपील : वांग ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष संयम बरत सकते हैं, तनाव को बढ़ने से रोक सकते हैं, जल्द से जल्द शांति का माहौल बना सकते हैं।’ रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने लावरोव के हवाले से कहा कि परमाणु युद्ध की अस्वीकार्यता रूस की सैद्धांतिक स्थिति है। हालांकि, इस तरह के संघर्ष के खतरे को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। चीन की स्थिति को रेखांकित करते हुए वांग ने कहा, ‘मौजूदा परिस्थितियों में, सभी पक्षों को संघर्ष रोकने के लिए बातचीत का समर्थन करना चाहिए।’
रूस की मदद करने पर चीन को अमेरिका की धमकी : रूस के साथ होते हुए भी चीन खुलकर समर्थन व्यक्त करने से बच रहा है। रूस पर कड़े पश्चिमी प्रतिबंधों का दबाव चीन भी महसूस कर रहा है। कुछ दिनों पहले अमेरिका ने यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस की मदद करने पर चीन को प्रतिबंधों की चेतावनी दी थी। वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने रूस को युद्ध में किसी भी तरह की मदद की पेशकश करने पर चीन को चेतावनी दी। इसके साथ ही उन्होंने भारत से रूसी हथियारों की निर्भरता को खत्म करने पर जोर दिया।
अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेर्मन ने गुरुवार को ब्रसेल्स में एक कार्यक्रम में कहा कि चीन रूस के दुष्प्रचार अभियानों को बढ़ाने जैसे काम करके यूक्रेन की मदद नहीं कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन को रूस और यूक्रेन के युद्ध से सबक सीखना चाहिए और यह भी याद रखना चाहिए कि अमेरिका अपने सहयोगियों का साथ नहीं छोड़ता है।
previous post