चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बुलावे पर बीजिंग पहुंचे पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को देश में चीनी नागरिकों की हत्या पर काफी सुनना पड़ गया। चीन ने सीपीईसी परियोजना में काम कर रहे चीनी नागरिकों की हत्या पर नाराजगी जताई और जनरल बाजवा से इन्हें रोकने के लिए कहा। इस बीच पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए अब चीन ने पाकिस्तान से खुलकर रणनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए कहा है। वहीं ड्रैगन के इस दांव से अमेरिका-चीन में संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान बुरी तरह से फंसता नजर आ रहा है।
चीन ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर यह झाड़ ऐसे समय पर लगाई है जब इस्लामाबाद पुलिस ने हाल ही में विदेशी सुरक्षा सेल बनाने का फैसला किया है। अब पाकिस्तान में चीन के प्रत्येक नागरिक को वही सुरक्षा मिलेगी जो सीपीईसी प्रॉजेक्ट में हिस्सा ले रहे चीनी नागरिकों को दी जाती हैं। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान का कोई सेना प्रमुख चीन के दौरे पर गया हो। यह दल 9 से 12 जून तक बीजिंग में रहा था।
ताइवान को लेकर अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ा : इस बीच चीन ने अमेरिका के साथ ताइवान को लेकर बढ़ते तनाव को देखते हुए इस ‘चुनौतीपूर्ण’ समय में पाकिस्तान से रक्षा संबंध बढ़ाने के लिए कहा है। इस पाकिस्तानी दल में सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों के ही शीर्ष अधिकारी चीन पहुंचे थे। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने चीन की सेना पीएलए के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब सिंगापुर में चीन और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों के बीच मुलाकात हुई है। इस बैठक के बाद दोनों ही पक्षों ने ताइवान को लेकर तीखे बयान दिए हैं।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक में रणनीतिक भागीदारी, सैन्य संबंध, ट्रेनिंग, तकनीक का प्रशिक्षण बढ़ाने पर जोर दिया। उधर, पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना और चीनी सेना के बीच भागीदारी दुनिया में तेजी से बदलते घटनाक्रम में बेहद अहम है। जनरल बाजवा पहले ऐसे पाकिस्तानी सेना प्रमुख हैं जिन्हें चीनी राष्ट्रपति के न्योते पर बीजिंग बुलाया गया है। हाल के दिनों में चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंध बहुत तेजी से परवान चढ़े हैं। पाकिस्तान को चीन ने हाल ही में अपना अत्याधुनिक जे-10 फाइटर जेट दिया है।
अमेरिका बनाम चीन में अब फंसा पाकिस्तान : पाकिस्तान पहला ऐसा देश है जिसे यह विमान चीन की ओर से दिया गया है। इस बीच पाकिस्तान पर दबाव है कि वह पश्चिमी देशों और चीन के बीच रिश्तों में संतुलन को स्थापित करें। इस इलाके में अमेरिका के रणनीतिक हितों और नए शीत युद्ध के खतरों को देखते हुए पाकिस्तान के लिए अब संतुलन बैठाने में बहुत मुश्किल हो रही है। चीन के दबाव के बाद अब जनरल बाजवा के रुख पर अमेरिका की भी नजरें रहेंगी।