तमिलनाडु ने लगातार दूसरी बार सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी जीत ली है। बेहद रोमांचक फाइनल में कर्नाटक को हार का स्वाद चखना पड़ा। तमिलनाडु के सामने 152 रन का लक्ष्य था। ऐसे में आखिरी गेंद पर शाहरुख खान ने छक्का मारकर अपनी टीम को चैंपियन बनाया।
आखिरी ओवर में चाहिए थे 16 रन : मैच बेहद रोमांचक मोड़ पर था। शुरुआती पांच गेंदों पर 11 रन आ चुके थे। अब आखिरी गेंद पर पांच रन चाहिए थे। यानी चौके से मैच टाई होता और छक्के से जीत मिलती। स्ट्राइक पर मौजूद शाहरुख खान बड़ी हिट मारने के लिए ही पहचाने जाते हैं। अपनी छवि के साथ न्याय करते हुए उन्होंने प्रतीक जैन की आखिरी गेंद को स्क्वैयर लेग के ऊपर से सिक्स उड़ा ही दिया।
तीसरी बार चैंपियन बना तमिलनाडु : अब तमिलनाडु टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम बन चुकी है, जिसने एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन फाइनल जीते। बड़ौदा, गुजरात और कर्नाटक दो-दो बार यह कमाल कर चुके हैं। पिछले साल तमिलनाडु ने बड़ौदा को हराकर टूर्नामेंट जीता था। इस बार कर्नाटक की बारी थी। दिलचस्प है कि ओपनिंग सीजन भी तमिलनाडु ने ही अपने नाम किया था। इस बार तमिल टीम ने सेमीफाइनल में पंजाब को दो विकेट से हराकर फाइनल में एंट्री पाई थी।
येलो आर्मी की धूम : इस साल तीसरा बड़ा मौका है जब पीली जर्सी वाली टीम ने टी-20 टूर्नामेंट जीता हो। सबसे पहले चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल फाइनल जीता। फिर ऑस्ट्रेलिया ने अब से कुछ ही हफ्ते पहले वर्ल्ड टी-20 जीता और अब येलो जर्सी वाली टीम तमिलनाडु ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
शाहरुख खान की ताबड़तोड़ पारी : शाहरुख खान ने 15 गेंद पर नाबाद 33 रन बनाए, जिसमें एक चौका और तीन छक्के शामिल हैं। टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए कर्नाटक का स्कोर एक समय तीन विकेट पर 32 रन था, लेकिन वह आखिर में सात विकेट पर 151 रन बनाने में सफल रहा। उसकी तरफ से अभिनव मनोहर ने 46 और प्रवीण दुबे ने 33 रन का योगदान दिया जबकि जे सुचित ने सात गेंद पर 18 रन की पारी खेली। तमिलनाडु के लिए बाएं हाथ के स्पिनर आर साई किशोर ने चार ओवर में 12 रन देकर तीन विकेट लिए
ऐसे जीती तमिलनाडु : तमिलनाडु ने लक्ष्य का पीछा करते हुए बीच में बेहद धीमी बल्लेबाजी की। हरि निशांत (12 गेंद पर 23 रन) और एन जगदीशन (46 गेंदों पर 42 रन) ने पहले विकेट के लिये 29 रन जोड़े। निशांत के आउट होने के बाद तमिलनाडु के बल्लेबाजों को रन बनाने के लिये संघर्ष करना पड़ा।
कप्तान विजय शंकर ने 18 रन बनाए, लेकिन इसके लिए उन्होंने 22 गेंद खेली। इससे टीम पर दबाव बन गया और उसे आखिरी दो ओवर में 30 रन की जरूरत थी। लंबे शॉट खेलने में माहिर शाहरूख ने यहां से जिम्मा संभाला। उन्होंने विद्यासागर पाटिल के 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर टीम की उम्मीद बंधाई थी।