वही विवाद के चलते दूसरा सेमीफाइनल नही हो पाया । दूसरा सेमीफाइनल बीएसएनएल और समर्थ ड्यूरोटेक के मध्य खेला जाना था लेकिन बीएसएनएल की टीम ने समर्थ ड्यूरोटेक के कुछ खिलाड़ियों पर आपत्ति करते हुए खेलने से मना कर दिया जबकि लीग मैच में इसी बीएसएनएल ने विजाग और स्पोर्ट्स एज के साथ मैच खेले थे जोकि कॉरपोरेट टीम थी । लेकिन फाइनल में एक कॉरपोरेट टीम से खेलने से मना करना उचित नही था क्योकि प्रतियोगिता के शुरू होने से पहले ही आयोजन कर्ताओ ने सभी प्रतिभागी टीम से खिलाडीयो के नाम ले लिए थे और सभी टीमो को भी मालूम था कि यह प्रतियोगिता कॉरपोरेट स्तर पर खेली जा रही है नाकि डिपार्टमेंटल स्तर पर। फिर फाइनल में आते ही आयोजनकर्ताओं द्वारा दो फाइनल( डिपार्टमेंटल और कॉरपोरेट) करवाना उचित नही लगता। इस निर्णय से सेमीफाइनल में हारी डीजीपी इलेवन को भी फाइनल खेलने का मौका मिल गया है ।
आयोजन समिति के इस निर्णय से बाकी 8 टीम अचंभित है। समिति ने भी अपने बनाए नियम और कानून को ताक पर रखते हुए इस प्रतियोगिता में दो फाइनल करवाने का निर्णय किया।
सारांश ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले रविवार को ओल्ड कैंपियन ग्राउंड पर खेले जाएंगे। फाइनल का पहला मुकाबला गवर्नमेंट कारपोरेट टीमों के बीच होगा, जिसमें बीएसएनएल का सामना डीजीपी एकादश से होगा जबकि निजी कारपोरेट टीमों के बीच होने वाले दूसरे फाइनल मुकाबले में समर्थ ड्यूराटेक और गोल्डन ग्रुप का मैच होगा।
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