अफगानिस्तान में बढ़ते कब्जे के बीच तालिबान ने भारत के साथ बातचीत को लेकर नई शर्त रखी है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि भारत के साथ बातचीत निष्पक्षता की शर्त पर ही हो सकती है। उन्होंने भारत और तालिबान के बीच किसी भी तरह की बातचीत होने से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान अफगान सरकार के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा। सुहैल शाहीन दोहा में तालिबान के शांति वार्ता दल के सदस्य होने के साथ अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लिए प्रवक्ता भी हैं।
निष्पक्षता की शर्त पर बातचीत करेगा तालिबान : इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में सुहैल शाहीन ने कहा कि तालिबान और भारत के बीच बातचीत निष्पक्षता की शर्त पर हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि दोहा समझौते के अनुसार, तालिबान किसी भी व्यक्ति या संस्था को दुनिया के किसी भी देश के खिलाफ हमला करने के लिए अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी का जिक्र करते हुए मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि तालिबान काबुल में मौजूदा प्रशासन को हटाना चाहता है।
भारत के साथ नहीं हुई कोई बातचीत : भारत-तालिबान बातचीत को लेकर पूछे गए सवाल पर सुहैल शाहीन ने कहा कि एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हमारे प्रतिनिधिमंडल के पास आने या मिलने की खबरें थीं। मैंने देखा है, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता, क्योंकि मेरी जानकारी के अनुसार ऐसा नहीं हुआ है। इससे पहले ऐसी खबरें आईं थीं कि भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व के साथ बात की है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।