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December 6, 2024
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तालिबान के हमदर्द बन रहे एर्दोगन का ऐलान, तुर्की में अफगान शरणार्थियों को नहीं रखेंगे


तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अफगान शरणार्थियों को शरण देने से इनकार किया है। उन्होंने जी-20 नेताओं के सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति पर बोलते हुए कहा कि तुर्की एक बार फिर शरणार्थियों की नई बाढ़ नहीं झेल सकता है। उन्होंने जी-20 में अफगानिस्तान पर एक वर्किंग ग्रुप बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया। एर्दोगन ने कहा कि तुर्की इस वर्किंग ग्रुप का नेतृत्व करने को भी तैयार है।
तुर्की में 36 लाख सीरियाई शरणार्थी मौजूद : एर्दोगन ने कहा कि तुर्की में पहले से ही 36 लाख सीरियाई शरणार्थी मौजूद हैं। ऐसे में उनका देश अफगानिस्तान के लोगों को नहीं झेल सकता है। अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को रोकने के लिए तुर्की ने सीमा पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए हैं। इन दिनों तुर्की के अंदर अवैध रूप से घुसे कई अफगान शरणार्थियों को सुरक्षाबलों ने पकड़ा भी है।
ईरान के रास्ते तुर्की पहुंच रहे अफगान शरणार्थी : बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान से शरणार्थी ईरान के रास्ते तुर्की की सीमा तक पहुंच रहे हैं। पाकिस्तान के बाद अफगान शरणार्थियों के लिए सबसे मुफीद रास्ता बनता जा रहा है। ईरान भी इन लोगों को अपने देश से निकलकर यूरोपीय सीमा तक पहुंचने में बाधा पैदा नहीं कर रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लाखों की संख्या में अफगान नागरिकों ने देश छोड़ा है।
अफगानिस्तान पर जी-20 की बैठक में क्या हुआ : अफगानिस्तान पर जी-20 देशों की बैठक में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुई परिस्थिति पर चर्चा हुई। इस बैठक में यूरोपीय यूनियन, अमेरिका और तुर्की समेत कई दूसरे देश भी शामिल हुए। यूरोपीय यूनियन ने एक दिन पहले ही अफगानिस्तान के लिए 1 बिलियन यूरो की सहायता राशि का ऐलान किया है। इसमें से कुछ पैसा अफगान शरणार्थियों को शरण देने वाले देशों को भी मिलेगा।
तालिबान से दोस्ती बढ़ा रहा तुर्की : तुर्की शुरू से ही अफगानिस्तान में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए तालिबान को साध रहा है। काबुल एयरपोर्ट के संचालन को अपने हाथों में लेने के लिए भी तुर्की ने बहुत हाथ-पाव मारे थे। आखिरी समय में तालिबान ने तुर्की को छोड़कर कतर की सहायता से काबुल एयरपोर्ट पर संचालन को फिर से शुरू किया था। तालिबान को अपने प्रभाव में लेने के लिए तुर्की अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान की भी मदद ले रहा है।

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