23.9 C
Madhya Pradesh
November 22, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

चीन सीमा पर हरकत करता है तो अमेरिका देगा भारत का साथ


अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि अमेरिका भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा। भारत और अमेरिका के बीच 2+2 मंत्रीस्तरीय वार्ता के दौरान यह दावा किया गया। लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर चीन का खतरा है। अगर इस इलाके में चीन किसी प्रकार की उग्र रणनीति अपनाता है तो अमेरिका भारत के साथ खड़ा होगा। रूस के खिलाफ भारत के तटस्थ रवैये के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री का यह बयान सामने आया है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई वर्चुअल बैठक में भी रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठा।
अमेरिका भारत पर रूस के साथ व्यापारिक संबंधों को कम करने की बात कर रहा है। नरेंद्र मोदी-जो बाइडन की बैठक के बाद व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि भारत और अमेरिका मिलकर काम करेंगे। रूस को लेकर अमेरिका की ओर से साफ किया गया कि भारत अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, इसी बैठक में ऊर्जा आयात मसले पर भारत को सहायता देने की बात कर अमेरिका ने अपनी मंशा साफ कर दी है। अमेरिका रूस के साथ भारत के तेल व्यापार को बढ़ाने के मसले को देश हित में करार नहीं दे रहा है। अब लॉयड ऑस्टिन ने चीन के खतरे का आभाष दिलाकर भारत को अपने पाले में लाने की कोशिश की है।
ऑस्टिन ने लगाया चीन पर आरोप : राजनाथ सिंह के साथ 2+2 बैठक में लॉयड ऑस्टिन चीन के खिलाफ हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने पड़ोसियों की संप्रभुता को चुनौती दे रहा है। उन्हें कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि बीजिंग भारत की सीमा पर दोहरे उपयोग वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में भी उसका दावा गैरकानूनी है। वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने भारतीय रक्षा मंत्री से कहा कि आप अपने संप्रभु हितों की रक्षा करते हैं, इसके लिए हम आपके साथ खड़े रहेंगे।
रूस-यूक्रेन युद्ध को भी जोड़ा : अमेरिकी रक्षा मंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले को भी चीन-भारत टेंशन के साथ जोड़कर पेश किया। बिना समय गंवाए लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि केवल बीजिंग ही नहीं है, जो अपने पड़ोसियों की सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। यूक्रेन पर रूस का आक्रमण भी इसका उदाहरण है। रूस ने यूक्रेन में मानवीय तबाही मचाई है। यह इंटरनेशनल ऑर्डर को कमजोर करने का प्रयास है। यह हमारे साझा नियमों और सिद्धांतों पर आधारित है। ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ हम लगातार काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शांति और स्थिरता के लिए साझेदारी महत्वपूर्ण : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद कहा कि हमारी साझेदारी इंडो-पैसेफिक क्षेत्र और हिंद महासागर के इलाके में शांति, स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बिना चीन का नाम लिए उन्होंने कहा कि हमने अपने पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के हमारे आकलन को साझा किया है। उन्होंने भारत के स्पेस विभाग और यूपी के रक्षा विभाग के बीच स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस एग्रीमेंट के बारे में भी जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में मेडिफेंस स्पेस और डिफेंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डायलॉग के बारे में एग्रीमेंट और अन्य पहल पर भी निर्णय होंगे। इस पर अभी चर्चा हुई है और इसमें सार्थक प्रगति देखी गई। बैठक में दोनों देशों के बीच सैन्य सहभागिता का दायरा और बढ़ाने पर चर्चा हुई।

Related posts

जापान में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव 29 सितंबर को, पहली बार चार उम्मीदवारों में 2 महिलाएं दावेदार

Pradesh Samwad Team

पाकिस्तान ने भारतीय दल के अफगानिस्तान दौरे को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी

Pradesh Samwad Team

फ्रांस के राष्ट्रपति भवन में हुए ‘बलात्कार’ के मामले की जांच जारी, महिला सैनिक ने लगाया था आरोप

Pradesh Samwad Team