23 C
Madhya Pradesh
November 22, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

‘अमेरिका के राज्यों ने कैसे अमीर विदेशियों को संपत्तियां छुपाने मे मदद की’


कर चोरों के पनाहगाह (टैक्स हैवन) का नाम सामने आते ही सामान्य तौर पर कैरेबियाई देश कैमन द्वीप या स्विट्जरलैंड के बैंकों की तस्वीर उभरती है, न कि अमेरिका के साउथ डकोटा शहर की। लेकिन कैसे विश्व के नेताओं और अमीर लोगों ने अपनी संपत्तियां छिपाई, यह बताने वाली एक रिपोर्ट अमेरिका में कर चोरों को पनाह देने वाले स्थानों को नए सिरे से जांच के दायरे में लेकर आई है।
‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ द्वारा जारी रिपोर्ट ‘पैंडोरा पेपर्स’ ने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया।
इस रिपोर्ट में अमेरिका के विभिन्न स्थानों में ट्रस्ट में गुप्त खातों का भी खुलासा किया गया जिनमें से साउथ डकोटा में 81, फ्लोरिडा में 37 और डेलवेयर में 35 खातों का पता चला। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों ने साउथ डकोटा के ट्रस्ट का इस्तेमाल कर चोरी के लिए किया, उनमें इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुलेर्मो लासो और चीनी उद्योगपति तथा डोमिनिका गणराज्य के पूर्व उपराष्ट्रपति कार्लोस मोराल्स ट्रोन्कोसो के परिवार के सदस्य शामिल हैं। दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन पोर्न साइट में से एक पोर्नहब के सह-मालिक डेविड टैसिलो का नाम भी पैंडोरा पेपर्स में सामने आया है और डेलवेयर में उनके नाम से दो छद्म कंपनियां पंजीकृत होने का पता चला है।
साउथ डकोटा में 2019 तक 100 से अधिक ट्रस्ट कंपनियों की करीब 370 अरब डॉलर की संपत्ति थी। अकेले एक कंपनी साउथ डकोटा ट्रस्ट कंपनी एलएलसी ने अपनी वेबसाइट पर 100 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति होने की बात कही थी। उसके 15 प्रतिशत ग्राहकों में 54 देशों के अंतरराष्ट्रीय परिवार आते हैं। डेलवेयर ने क्रेडिट कार्ड और वित्तीय सेवा उद्योग की शुरुआत 1981 में की।
राज्य में अब 47 स्टेट और राष्ट्रीय ट्रस्ट कंपनियां हैं, जिसमें 3.8 अरब डॉलर की संपत्तियां हैं। अमीर लोगों के अमेरिका के कई राज्यों में अपनी संपत्तियों को छिपाने की मुख्य वजह उन राज्यों के सांसदों द्वारा ‘‘किसी भी ट्रस्ट के एक पूर्व निर्धारित समय-सीमा तक मौजूद रहने का नियम” ध्वस्त करना रहा। इन नियमों को हटाने से तथाकथित वंशवादी ट्रस्टों की स्थापना की राह आसान हुई जिसमें अमीर लोग आने वाली अपनी पीढ़ियों तक पैसा बिना किसी कर का भुगतान किए भेज सकते हैं।

Related posts

विंटर ओलंपिक की दहलीज पर खड़ा चीन और ‘आधी दुनिया’ नाराज, क्या होगा ड्रैगन का अगला कदम?

Pradesh Samwad Team

जो बाइडन ने नहीं पूछा तो छलका इमरान खान का दर्द, बोले- वो तो व्यस्त आदमी हैं

Pradesh Samwad Team

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी धमकी, यूक्रेन में जिसने टांग अड़ाई वो ‘न्यूक्लियर बम’ के लिए रहे तैयार

Pradesh Samwad Team