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अफगानिस्तान के ‘महिला मामलों के मंत्रालय’ में ही महिलाओं को प्रवेश नहीं, तालिबान ने लगाया बैन


तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि महिलाओं को पुरुषों के साथ सरकारी मंत्रालयों में काम करने की अनुमति नहीं होगी। तालिबान लड़ाके लगभग सभी मंत्रालयों में केवल पुरुष कर्मचारियों को प्रवेश करने की अनुमति दे रहे हैं। महिला कर्मचारियों ने भी बताया है कि वे कई हफ्तों से काम पर आने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उन्हें अपने घर लौटने के लिए कहा गया है।
अफगानिस्तान में महिलाओं को नौकरी-पढ़ाई जैसे मामलों में छूट देने का वादा करने वाले तालिबान का असली चेहरा अब सामने आने लगा है। तालिबान ने काबुल में महिला मामलों के मंत्रालय में ही महिला कर्मचारियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। तालिबान लड़ाके लगभग सभी मंत्रालयों में केवल पुरुष कर्मचारियों को प्रवेश करने की अनुमति दे रहे हैं। महिला कर्मचारियों ने भी बताया है कि वे कई हफ्तों से काम पर आने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उन्हें अपने घर लौटने के लिए कहा गया है।
महिलाओं के लिए मंत्रालयों के दरवाजे बंद : एक महिला ने बताया कि गुरुवार को सरकारी मंत्रालयों के दरवाजों को आखिरकार बंद कर दिया गया। तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि महिलाओं को पुरुषों के साथ सरकारी मंत्रालयों में काम करने की अनुमति नहीं होगी। विभाग में काम करने वाली दूसरी महिला ने कहा कि मैं अपने परिवार में अकेली कमाने वाली हूं। जब कोई काम नहीं है, तो एक अफगान महिला को क्या करना चाहिए?
राष्ट्रपति भवन के बाहर महिलाओं का प्रदर्शन : इन मुद्दों को लेकर अफगान महिलाओं ने काबुल में राष्ट्रपति भवन के बाहर प्रदर्शन भी किया है। उन्होंने तालिबान से अपने अधिकारों की रक्षा करने और लड़कियों को पढ़ने और काम करने की अनुमति देने की मांग की। तालिबान ने सरकार का ऐलान करने से पहले दावा किया था कि वह इस बार अधिक संयम के साथ शासन करेंगे। उनकी सरकार में महिलाओं को काम करने और पढ़ने की अनुमति होगी।
तालिबान ने भुलाया महिलाओं से किया वादा : हालांकि, तालिबान ने सरकार का ऐलान करते ही अपने इन सभी वादों को भूला दिया है। तालिबान ने महिलाओं को काम पर लौटने की अनुमति नहीं दी है और विश्वविद्यालय में वे क्या पहन सकती हैं, इसके लिए नियम पेश किए हैं। क्लासरूम में विश्वविद्यालय स्तर पर महिला-पुरुष एक कमरे में पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन उनके बीच में पर्दे लगा दिए गए हैं। वहीं, स्कूली स्तर पर को-एजुकेशन को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।
अफगान महिलाओं के 20 साल का संघर्ष बेकार! : अफगानिस्तान से तालिबान की पहली सरकार के खात्मे के बाद पिछले 20 साल में अफगान महिलाओं ने काफी प्रगति की है। उन्होंने राजनेता, जज, पायलट, पुलिस अधिकारी, डॉक्टर जैसे अनगिनत पेशों में अपनी जगह बनाई हैं। लेकिन, तालिबान की वापसी के बाद उनकी स्थिति फिर पहले के जैसे ही हो गई है। तालिबान आज भी यह मानता है कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।
तालिबान ने दी यह दलील : तालिबान अधिकारियों ने दावा किया है कि महिलाओं को उनकी सुरक्षा के लिए घर पर रहने के लिए कहा गया है। उचित समय आने पर उन्हें काम करने की अनुमति दी जाएगी। इस बीच तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने आज कहा कि कक्षा छह से 12 तक के सभी पुरुष छात्र और पुरुष शिक्षकों को शनिवार से पूरे अफगानिस्तान में कक्षाएं फिर से शुरू करनी चाहिए।

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