अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुके तालिबान ने इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र में अपने प्रतिनिधित्व की मांग की है। तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र के नए स्थायी प्रतिनिधि के रूप में मोहम्मद सुहैल शाहीन को चुना है। सुहैल शाहीन तालिबान के प्रवक्ता हैं और उन्होंने कतर शांति वार्ता में तालिबान का प्रतिनिधित्व किया था। तालिबान का यह कदम यूएन सत्र को लेकर अफगानिस्तान के पूर्व संयुक्त राष्ट्र दूत और तालिबान के बीच कूटनीतिक तनाव पैदा कर सकता है।
पत्र लिखकर की बोलने की मांग : न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने सोमवार को यूएन महासचिव एंटोनियो गुतारेस को एक पत्र लिखा। इस पत्र में मुत्ताकी ने सोमवार को होने वाली महासभा की वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक में बोलने की मांग की है। गुतारेस के प्रवक्ता फरहान हक ने मुत्ताकी की चिट्ठी प्राप्त होने की पुष्टि की। तालिबान को तलाश है एक वैश्विक मंच की। तालिबान ने कहा था कि वह वैश्विक नेताओं को संबोधित करना चाहता है।
कतर ने किया तालिबान का समर्थन : कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने अपील की है कि ग्लोबल लीडर्स तालिबान का बहिष्कार न करें। अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात सरकार में पाकिस्तान को लेकर बवाल मचा हुआ है। दो फाड़ हो चुके तालिबान के एक गुट ने काबुल में डेरा जमाया हुआ है, जबकि दूसरे ने कंधार से कमान संभाली है। इसमें कंधारी धड़े का नेतृत्व तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे और वर्तमान रक्षामंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ओमारी कर रहा है। जबकि, काबुल में हक्कानी नेटवर्क का अमीर-उल-मोमीन या सर्वोच्च नेता सिराजुद्दीन हक्कानी गद्दी पर कब्जा कर बैठा हुआ है।