श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को 16 दिन हो गए हैं और इस बीच रविवार को यहां प्रधानमंत्री आवास को छात्र प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। इंटर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फेडरेशन (आईयूएसएफ) के हजारों छात्रों को विजेरमा मवाता में प्रधानमंत्री के आवास के बाहर नारेबाजी करते हुए देखा गया। तस्वीरों में अनेक छात्र प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास की चारदीवारी के पास प्रदर्शन करते दिखे।
राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी : प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास की दीवारों पर ‘राजपक्षे, घर जाओ’ लिख दिया। श्रीलंका में नौ अप्रैल से हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हुए हैं। देश में बुरे आर्थिक हालात हैं और सरकार के पास महत्वपूर्ण उत्पादों के आयात के लिए धन नहीं बचा है, आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं और ईंधन, दवाओं तथा बिजली की भारी कमी है।
राजपक्षे के अंतरिम सरकार की मांग खारिज किए जाने से नाराजगी : प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे द्वारा अंतरिम सरकार की मांग को खारिज किए जाने के एक दिन बाद, रविवार को विरोध प्रदर्शन और नाजुक मोड़ लेते नजर आए। इस बीच, पुलिस ने सप्ताहांत में प्रदर्शनकारियों को कोलंबो की कुछ सड़कों पर प्रवेश नहीं करने की चेतावनी देते हुए कहा कि अदालत के ऐसे आदेश हैं।
श्रीलंका में मुद्रास्फीति बढ़कर 21.5 प्रतिशत हुई : कर्ज में डूबे श्रीलंका की मुद्रास्फीति मार्च 2022 में बढ़कर 21.5 प्रतिशत हो गई। जनगणना और सांख्यिकी विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एनसीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2022 में बढ़कर 21.5 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी 2022 में 17.5 प्रतिशत थी। इसके साथ ही खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी 2022 के 24.7 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 29.5 प्रतिशत हो गई। इस दौरान चावल, चीनी, दूध और ब्रेड जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।
IMF ने श्रीलंका को मदद का भरोसा दिया : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका को संकट से उबरने के प्रयासों में मदद देने का आश्वासन देते हुए कहा है कि वित्त मंत्री अली साबरी की अगुआई में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई शुरुआती बातचीत फलदायी रही है। आईएमएफ ने कहा कि श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल के साथ आईएमएफ की तकनीकी बातचीत फलदायक रही है। इस दौरान श्रीलंका में हाल में हुए आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रमों और व्यापक आर्थिक स्थिरता बहाल करने के लिए भरोसेमंद और सुस्पष्ट रणनीति पर भी बात हुई।