एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chouhan) का हेलीकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति (No Permission for Shivraj Helicopter) नहीं मिलने के चलते 15 मिनट तक हवा में घूमता रहा। 8 अक्टूबर को यह वाकया यूपी में झांसी के बबीना कैंट एरिया (Babina Cantt Area in UP) में हुआ। शिवराज रैगांव और पृथ्वीपुर में बीजेपी उम्मीदवारों के नामांकन के लिए जा रहे थे। निवाड़ी जिले के अधिकारियों ने सेना से संपर्क किया। इसके बाद लैंडिंग की अनुमति मिली। सात दिन बाद इसका खुलासा हुआ है क्योंकि घटना से नाराज मुख्यमंत्री ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं।
8 अक्टूबर को उपचुनावों (MP Bye-Election News) के लिए नामांकन का आखिरी दिन था। रैगांव और पृथ्वीपुर विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हो रहे हैं। शिवराज इन दोनों जगहों पर बीजेपी उम्मीदवारों के नामांकन में शामिल होने के लिए भोपाल स्टेट हैंगर से खजुराहो के लिए निकले थे। उनका हेलिकॉप्टर झांसी के बबीना के कैंट एरिया में पहुंचा, तो एटीसी (ATC) ने लैंडिंग की अनुमति नहीं होने के कारण ऊपर ही रुकने को कह दिया। फिर निवाड़ी के अधिकारियों ने सेना से संपर्क किया। अनुमति मिलने में करीब 15 मिनट लग गए। तब तक हेलीकॉप्टर (Shivraj Helicopter Left in Mid-Air ) हवा में ही घूमता रहा।
उपचुनाव में प्रचार के लिए शिवराज के लिए यह हेलीकॉप्टर बीजेपी ने किराये पर ली थी। हेलिकॉप्टर देने वाली कंपनी ने इसमें अपनी गलती से इनकार किया है। कंपनी ने कहा है कि उड़ान भरने से पहले ही अनुमति की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। उसने सीएम के हेलिकॉप्टर को जानबूझ कर रोके जाने का आरोप लगाया है।
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रदेश के उड्डयन मंत्री नंदगोपाल नंदी ने इस पूरे मामले से ही अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है और इसमें प्रदेश सरकार की कोई भूमिका नहीं होती।
जानकारी के मुताबिक बबीना फायरिंग रेंज में आता है। अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई हेलिकॉप्टर बिना अनुमति वाले रूट में पहुंचता है तो एटीसी उसे रोक सकता है। ऐसा तब होता है जब हेलिकॉप्टर गलत रूट पर चला जाए या अपना रास्ता भटक जाए। शिवराज के हेलिकॉप्टर के साथ क्या हुआ, इसका पता तो जांच का नतीजा आने के बाद ही चलेगा।