बांग्लादेशी युवतियों (Bangladeshi Girls Supply In India) को मानव तस्करी के जरिए भारत भेजकर उन्हें देह व्यापार में धकेलने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए एमपी पुलिस ने इसके सरगना और आठ सदस्यों को बुधवार को गिरफ्तार किया। गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस के मुताबिक, गुजरे 10 साल में यह गिरोह बहुत बड़ी तादाद में बांग्लादेशी युवतियों को अवैध तौर पर सरहद पार कराते हुए देह व्यापार के लिए भारत के अलग-अलग हिस्सों में भेज चुका है।
एसपी आशुतोष बागरी ने इंदौर में बताया कि गिरोह के गिरफ्तार सरगना की पहचान बांग्लादेशी नागरिक मामून हुसैन (41) के रूप में हुई है। इन दिनों वह मुंबई में रह रहा था। उन्होंने बताया कि मामून ने करीब 25 साल पहले किशोरावस्था में भारत आने के बाद विजय दत्त के फर्जी नाम से राशन कार्ड बनवा लिया था। राशन कार्ड के बूते उसने इसी फर्जी नाम से आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र और पासपोर्ट तक बनवा लिया था।
बागरी के मुताबिक, मामून की बांग्लादेश में रहने वाली पत्नी भी उसके गिरोह में शामिल है और वह एक गैर सरकारी संगठन से जुड़ी होने का दिखावा करते हुए अनाथ, बेसहारा और जरूरतमंद युवतियों को भारत में घरेलू काम-काज से जुड़ा रोजगार दिलाने के बहाने जाल में फंसाती है। उन्होंने बताया कि गुजरे 10 साल में ऐसी हजारों बांग्लादेशी युवतियों को मामून के गिरोह ने अवैध रूप से सरहद पार कराते हुए भारत के अलग-अलग हिस्सों में भेजा और देह व्यापार में धकेल दिया।
एसपी ने बताया कि मामून ने अलग-अलग शहरों के दलालों को अपने गिरोह से जोड़ रखा था जो देह व्यापार में धकेली गईं। बांग्लादेशी युवतियों को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में ग्राहकों के पास भेजते थे।
उन्होंने बताया कि मामून भारत में भी एक महिला से ब्याह रचा चुका है और वह विजय दत्त की अपनी फर्जी पहचान के बूते कानून प्रवर्तन एजेंसियों की आंखों में बरसों से धूल झोंक रहा था।
बागरी ने बताया कि युवतियों की मानव तस्करी और देह व्यापार से मिलने वाली रकम को मामून हवाला के जरिए बांग्लादेश भेजता था। उन्होंने बताया कि मामून के अलावा उसके गिरोह के आठ सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें चार महिलाएं शामिल हैं। मामले की विस्तृत जांच जारी है।