यूक्रेन ने दावा किया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin News) ने रूसी सेना के आठ शीर्ष जनरलों (Russian Army News) को बर्खास्त कर दिया है। दावा यह भी किया गया है कि उन्होंने रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी (Russian Intelligence Agency) पर जानकारी जुटाने में फेल रहने और खराब रणनीति पर नाराजगी भी जताई है। हालांकि, इन दोनों दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। यूक्रेन का आरोप है कि रूसी सेना उनके देश में एक के बाद एक मोर्चे पर फेल होती जा रही है। रूसी सेना ने युद्ध शुरू होने के अगले दिन ही राजधानी कीव की घेराबंदी कर दी थी। लेकिन, 14 दिन बीत जाने के बाद भी रूसी सेना अब तक कीव के अंदर घुस नहीं पाई है।
यूक्रेन का दावा- खुफिया एजेंसी से भी नाराज हैं पुतिन : डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की सुरक्षा परिषद के प्रमुख ओलेक्सी डैनिलोव ने कहा कि युद्ध की शुरुआत के बाद से ही पुतिन ने अपने आठ जनरलों को बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि मॉस्को यूक्रेन में मिल रही असफलता से सदमे और हैरानी में है। कहा जा रहा है कि पुतिन रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी के कमांडरों से भी नाराज हैं। उन्हें खुफिया जानकारी दी गई थी कि यूक्रेन कमजोर है और वह नव-नाजी समूहों से भरा हुआ है। ऐसे में अगर यूक्रेन पर हमला किया गया तो वे आसानी से हार मान लेंगे।
ब्रिटिश एक्सपर्ट ने भी मिलाई हां में हां : सुरक्षा विशेषज्ञ और पूर्व वरिष्ठ ब्रिटिश खुफिया अधिकारी फिलिप इंग्राम ने द टाइम्स को बताया कि पुतिन स्पष्ट रूप से बहुत गुस्से में हैं। वे यूक्रेन में रूसी सेना की विफलता के लिए अपनी खुफिया एजेंसियों को दोष दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुतिन अपनी खुफिया एजेंसी के कमांडरों को सलाह देने के लिए दोषी ठहराते हैं जिससे यूक्रेन में खराब निर्णय लेने के लिए मजबूर किया। इसी निर्णय के कारण रूसी सेना को यूक्रेन में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बड़ी मात्रा में रूसी सैनिक हताहत हुए हैं।
यूक्रेन में बड़ी संख्या में रूसी सैनिकों के मारे जाने का दावा : रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस को यूक्रेन में इतना मजबूत प्रतिरोध मिलने की आशा नहीं थी। शुरुआत में रूसी सेना ने हवाई हमले के साथ यूक्रेनी ठिकानों को निशाना बनाया था। बाद में उन्हें यूक्रेन के जबरदस्त जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस युद्ध में दोनों पक्षों के हताहतों की विश्वसनीय संख्या का पता लगाना बहुत मुश्किल है। इसके बावजूद यूक्रेन का मानना है कि रूस ने 14 दिनों में अपने 12000 जवानों को खो दिया है। यूरोपीय खुफिया एजेंसियां इस संख्या को 6000 से 9000 के बीच बता रही हैं। वहीं अमेरिका का आंकड़ा 3000 के आसपास है।