यूक्रेन में चल रही भीषण जंग के बीच दुनिया के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों ने न्यूक्लियर बम को लेकर चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर व्लादिमीर पुतिन ने पहले परमाणु बम का इस्तेमाल किया तो अमेरिका समेत नाटो देश यूक्रेन में मौजूद रूसी सैन्य ठिकानों पर रणनीतिक एटम बम गिराने से परहेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे दुनिया में परमाणु महायुद्ध का खतरा पैदा हो जाएगा।
बुलेटिन ऑफ एटामिक साइंटिस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन की जंग में अगर रूस फिर से बढ़त हासिल करने के लिए परमाणु बम का इस्तेमाल करता है तो नाटो देशों के पास 4 विकल्प होंगे। इसमें रूसी सेना के खिलाफ यूक्रेन के अंदर या बाहर एक या कई परमाणु बम का इस्तेमाल, रूसी सेना के खिलाफ परंपरागत हथियारों से हमला करना, यूक्रेन को हथियारों की सप्लाइ जारी रखना या यू्क्रेन पर संघर्ष को खत्म करने के लिए दबाव डालना शामिल है।
दुनिया में परमाणु महायुद्ध का पैदा हो जाएगा खतरा : रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सबसे डरावना विकल्प बिना किसी संदेह के यह होगा कि नाटो देश खुद ही परमाणु बम का इस्तेमाल करें। इससे दुनिया में परमाणु महायुद्ध का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं अगर पुतिन एक परमाणु बम का इस्तेमाल यूक्रेन में करते हैं तो यह रणनीतिक परमाणु बम होगा जिसको सैन्य यूनिटों को निशाना बनाने और जमीनी हालात को बदलने के लिए डिजाइन किया गया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर रूस ने इस विकल्प का इस्तेमाल किया तो उसे नाटो देशों से भी इसी तरह का जवाब मिल सकता है।
वैज्ञानिकों ने जोर देकर कहा कि ऐसी स्थिति में अमेरिका समेत नाटो देशों को रूस के यूक्रेन में और बाहर स्थित ठिकानों पर हमला करना होगा या रूस के अंदर एक लक्ष्य को निशाना बनाकर संघर्ष की प्रकृति को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि रूसी सैन्य लक्ष्य यूक्रेन में हो सकते हैं जिसके लिए कम क्षमता के परमाणु बम से हमला करने पर बहुत सीमित संख्या में लोग मारे जाएंगे। हालांकि व्यापक सैन्य प्रभाव डालने के लिए नाटो को कई हमले करने होंगे।
‘पूरा युद्ध रूस बनाम अमेरिका और नाटो में बदल जाएगा’ : इस रिपोर्ट में सबसे डराने वाली बात यह है कि इसमें कहा गया है कि अगर नाटो ने रूस के अंदर परमाणु बम से हमला किया तो हालात नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे। इससे पूरा युद्ध रूस बनाम अमेरिका और नाटो में बदल जाएगा। अच्छी बात यह है कि पुतिन ने संकेत दिया है कि वह जंग में पहले परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने साल 2018 में दिए अपने बयान में कहा था कि इससे पूरी मानवता के खत्म होने का खतरा पैदा हो जाएगा।