चीनी शोधकर्ताओं ने दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में एक नए प्रकार के कोरोनावायरस का पता लगाया है। उन्होंने अपने रिसर्च में दावा किया है कि इसमें म्यूटेंट की क्षमता अधिक है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि इसकी क्षमता के और स्पष्टता की जरूरत है। चीन के वुहान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार, NeoCov सार्स-सीओवी-2 की तरह ही मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है।
चीन का वुहान शहर, जहां सबसे पहले कोविड वायरस 2019 के आखिरी महीनों में पाया गया था, अब वहीं के वैज्ञानिकों ने कोविड वायरस के एक और सबसे ज्यादा खतरनाक और जानलेवा वैरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की है। वुहान के वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये एक नए प्रकार वायरस है। जिसके संक्रमण की मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। यह वायरस कई साल पहले मध्य पूर्वी देशों में खोजा गया था और यह सार्स-सीओवी-2 के ही समान है, जो मनुष्यों में कोरोनावायरस का कारण बनता है।
नियोकोव को दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में खोजा गया था। हालांकि, इस नए प्रकार के कोरोना वायरस को अभी तक सिर्फ जानवरों में ही फैलता हुआ देखा गया है। बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित एक नए स्टडी से पता चला है कि नियोकोव और इसके करीबी रिश्तेदार पीडीएफ-2180-सीओवी मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं। इसके संक्रमण की रफ्तार और इसे मृत्युदर काफी ज्यादा है।
हालांकि अभी तक इसका पीयर-रिव्यू नहीं किया गया है, यानी इस रिसर्च की पूर्ण समीक्षा की जानी बाकी है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में खोजा गया नियोकोव कोरोनावायरस मनुष्यों के लिए खतरा है या नहीं, इस सवाल पर और अध्ययन की आवश्यकता है। स्वास्थ्य निकाय ने टास समाचार एजेंसी के हवाले से कहा, क्या अध्ययन में पाया गया वायरस मनुष्यों के लिए जोखिम पैदा करेगा, इसके लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता होगी।