चीन ने ही 2019 में कोरोना वायरस के पहले मामले की सूचना दी थी। यहां से निकलकर इस वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई। लेकिन चीन ने शुरुआती चरण में ही संक्रमण पर काबू पा लिया था। अब चीन कोरोना की सबसे बुरी लहर से जूझ रहा है। सबसे बुरी हालत देश के सबसे बड़े शहर शंघाई की है जहां कई हफ्तों से सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है, इसके बावजूद स्थिति काबू में नहीं आ रही है। शंघाई के बाद अब राजधानी बीजिंग के हालात भी बिगड़ने लगे हैं। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
चीन के शहर बीजिंग के प्रशासन ने कोविड-19 संबंधी नियमों को और सख्त करते हुए राजधानी के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। करीब 2.1 करोड़ आबादी वाले शहर में इस हफ्ते पहले ही तीन बार सामूहिक जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, जिसमें तीसरी जांच शुक्रवार को होगी। गुरुवार को शहर के शिक्षा ब्यूरो ने सभी स्कूलों को शुक्रवार से बंद रखने का आदेश दिया और कहा कि अभी तय नहीं है कि स्कूलों को कब खोला जाएगा।
घरों में कैद 16.5 करोड़ लोग : बीजिंग प्रशासन ने बताया कि गुरुवार को शहर में कोविड-19 के 50 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे हाल में शहर में संक्रमित होने वालों की संख्या करीब 150 हो गई है। कोविड-19 के कुल संक्रमितों में 30 फीसदी से अधिक बच्चे हैं। बीजिंग को मिलाकर वर्तमान में चीन के 27 शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है। कुल मिलाकर 16.5 करोड़ की आबादी अपने घरों के भीतर कैद हैं। महामारी की शुरुआत से ही चीन ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ पर जोर दे रहा है। लॉकडाउन, मास टेस्टिंग, क्वारंटीन और सीमाएं बंद के बावजूद वायरस तेजी से फैलता जा रहा है।
सख्त प्रतिबंधों के चलते भूखे मर रहे लोग : प्रतिबंध इतने सख्त हैं कि शंघाई में लोग भूख से मर रहे हैं। कई हफ्तों से अपने घरों में कैद लोगों के पास अब खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है। लोग अपनी खिड़कियों और बालकनियों में आकर नारे लगा रहे हैं और विरोध कर रहे हैं। हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि लोग खाने के लिए जेल जाने को भी तैयार हैं। चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई में 1 मार्च से लेकर अब तक कम से कम 5 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। जिसके बाद इस शहर में भी अधिकारियों ने लॉकडाउन लगा दिया था।
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