कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है, लेकिन हर बार आपको नया इतिहास लिखने का मौका भी मिलता है। रविवार रात मुकाबला बराबरी का था। फैंस का पांच साल लंबा इंतजार था। मगर पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप में भारत से हारने का सिलसिला आखिरकार तोड़ ही दिया।
विराट का खराब टीम सिलेक्शन : एक बार फिर कप्तान कोहली की जिद टीम पर भारी पड़ गई। वह किसी भी मुकाबले से पहले ही अपनी प्लेइंग इलेवन तय कर लेते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ भी यही देखने को मिला। सूर्यकुमार यादव, ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या और पेसर भुवनेश्वर कुमार को खिलाया गया जबकि खेलने के असल हकदार ईशान किशन, शार्दुल ठाकुर और रविचंद्रन अश्विन बेंच पर बैठे रहे।
ओपनर्स का खराब खेल : टीम इंडिया के लिए पारी की शुरुआत करने रोहित शर्मा और केएल राहुल आए। राहुल ने पहले ओवर की तीसरी गेंद पर सिंगल के साथ टीम का खाता खोला। अब स्ट्राइक पर रोहित शर्मा आ चुके थे जो कि अपना रेकॉर्ड सातवां टी-20 वर्ल्ड कप खेलने उतरे थे। फैंस को उम्मीद थी के वे अपने अनुभव का इस्तेमाल कर टीम को जोरदार शुरुआत दिलाएंगे, लेकिन इससे पहले कि कुछ होता, अफरीदी ने सटीक यॉर्कर से रोहित को एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया। अपने दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर राहुल की गिल्लियां बिखेर कर तहलका मचा दिया। महज 6 रन के टोटल पर भारतीय टीम के दोनों ओपनर पवेलियन लौट चुके थे।
टॉस जीतना भी पाकिस्तान के पक्ष में गया : हाई प्रेशर मुकाबले के बावजूद पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम ने टॉस जीतकर पहले बोलिंग करने का फैसला किया। पिच में उन्हें नमी दिखी थी और वह चाहते थे कि उनके पेसर इसका फायदा उठाएं। और जैसा बाबर ने चाहा टीम के पेसर शाहीन शाह अफरीदी ने वैसा ही किया। टॉस के दौरान खुद कप्तान कोहली ने भी स्वीकारा था कि वह भी पहले गेंदबाजी करना पसंद करते। दूसरी पारी में ओस भी एक बड़ा फैक्टर रहा। गेंदबाजों को गेंद ग्रिप करने में मुश्किल हो रही थी।
अजीबोगरीब शॉट सिलेक्शन : एक वक्त लग रहा था कि दोनों ओपनर्स को गंवाने के बाद टीम इंडिया संभल रही है। विराट और सूर्यकुमार आक्रामक शॉट खेलने लगे थे। रनों की रफ्तार भी तेज हो रही थी, लेकिन पावरप्ले के अंतिम ओवर में हसन अली ने सूर्या को आउट किया। टी-20 इंटरनेशनल के पावरप्ले में ही अपने तीन विकेट गंवाने के बावजूद भारतीय बल्लेबाज नहीं सुधरे। 10 ओवर तक 60 रन बनाने के बाद ऋषभ पंत ने शादाब की रॉन्ग-वन पर खराब शॉट खेला और अपना विकेट गंवाया। रविंद्र जडेजा भी खराब शॉट सिलेक्शन का शिकार हुए।