रूस और यूक्रेन युद्ध को तीन महीने से अधिक समय बीत चुका है। इसमें एक से एक विनाशकारी और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है और हथियार इस्तेमाल के आरोप भी लग रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक यूक्रेन के युद्ध के मैदान में मोबाइल फोन चालू करने पर आसमान से बमबारी हो सकती है। तोपखाना राडार और मानवरहित वायुयान (यूएवी) के लिए रिमोट कंट्रोल के जरिये भी गोले बरसाये जा सकते हैं।
यह एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध है, जो यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का बहुत हद तक एक अदृश्य पहलू है। सैन्य कमांडर इस पर चर्चा करने से बचते नजर आ रहे हैं। उन्हें आशंका है कि गोपनीय जानकारियां साझा कर वे अभियान को जोखिम में डाल देंगे। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध टेक्नोलॉजी दुश्मन का पता लगाने और उन पर घातक हमले करने के लिए संचार, नेविगेशन आदि को निशाना बनाती है।
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में रूस से हार रहा यूक्रेन : इसमें तोपखाना, लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइलों, ड्रोन आदि का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां युद्ध में रूस स्पष्ट रूप से लाभ उठाता दिख रहा है। यूक्रेनी यूएवी से संबंधित एक टीम एरोरोजविदका के एक अधिकारी ने कहा, ‘वे उनकी हर चीज को जाम कर रहे हैं।’ यह युद्ध अपने 100 दिन पूरे कर चुका है लेकिन किसी भी नतीजे पर पहुंचता नहीं दिख रहा है। रूस को यह उम्मीद नहीं थी कि यूक्रेन उसकी भारी भरकम सेना के आगे इतने दिनों तक टिक पाएगा।
100 दिन के बाद क्या होगा जंग का भविष्य? : इस युद्ध के कारण पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। दुनिया भर में गेहूं और कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिली है। लेकिन अब 100 दिन होने के बाद भी आखिर आगे क्या होगा? रूस और यूक्रेन का युद्ध अगर सालों तक नहीं चला तो अगले कुछ महीनों तक तो जरूर चल सकता है। रूस अपने आप में एक बड़ी ताकत है तो वहीं यूक्रेन को पश्चिमी देश समर्थन दे रहे हैं। समय-समय पर लड़ाई में दोनों पक्षों की लाभ और हानि होती रहेगी।