पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan Latest News) ने एक बार फिर भारत की तारीफ की है। उन्होंने लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान से अवाम को संबोधित (Imran Khan Rally in Lahore) करते हुए कहा कि हिंदुस्तान की विदेश नीति (Indian Foreign Policy) उनके लोगों के फायदे के लिए है। जबकि पाकिस्तान की विदेश नीति दूसरे देशों को फायदा पहुंचाती है। उन्होंने दावा किया कि मैंने पाकिस्तान की विदेश नीति को स्वतंत्र रखने की कोशिश की। इसी कारण मुझे साजिश कर सत्ता से हटाया गया। इमरान ने कहा कि बाहरी मुल्कों की हैसियत नहीं है कि वो भारत को धमका सकें। उन्होंने पाकिस्तान के मीर जाफर और मीर साजिद जैसे गद्दारों के साथ मिलकर मेरे खिलाफ षडयंत्र किया।
पाकिस्तान की बाकी पार्टियां जमीरफरोश : इमरान खान ने मंच से विपक्षी पार्टियों को जमीरफरोश तक करार दिया। कहा कि विपक्षी नेताओं ने अपनी जमीर को बेंच दिया। उन्होंने कहा कि अगर अवाम ने इन लोगों को किसी भी इलाके से जीतने दिया तो आप इस मुल्क से गद्दारी करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ नेता हमारी ही पार्टियों के टिकट पर चुनाव जीतकर आए और बिक गए। क्या यह कानून का उल्लंघन नहीं था। इस्लामाबाद के सिंध हाउस में 20 सांसदों को रखा गया। उनकी सुरक्षा के लिए सिंध से पुलिसकर्मियों को लाकर तैनात किया गया। क्या यह कानून के खिलाफ नहीं था।
इमरान ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट पर साधा निशाना : उन्होंने कहा कि अदालतें भी रात को 12 बजे खुल जाती हैं। उन्होंने कहा कि मेरे दोनों स्पीकर यहां बैठे हुए हैं। असद कैसर और कासिम सूरी दोनों मेरे हीरो हैं। हमने अपनी आंखों के सामने सबको जाते देखा। सबसे तकलीफ वाली चीज यह है कि इस मुल्क को लूटने वाले डाकू जो 30 साल से लूट रहे थे, उनको सत्ता के ऊपर बैठा दिया गया। मैं अमेरिका और यूरोपीय देशों को सबसे अच्छा जानता हूं। उन देशों में कोई सोच भी नहीं सकता कि एक आदमी जो जमानत पर हो उसे वो चपरासी तक बना दें, उसे यहां प्रधानमंत्री तक बना दिया। उसके बेटे को जो सारा लाहौर जानता है कि एक-एक चीज के ऊपर रिश्वत लेता है, उसे मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बना दिया।
अमेरिकी साजिश का फिर किया दावा : इमरान खान ने यहां भी दावा किया कि उनके देश के राजदूत को अमेरिकी अधिकारी ने धमकी दी थी। दक्षिण एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू द्वारा अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि क्या रूस जाना मेरी गलती थी। रूस हमें 30 फीसदी सस्ते कीमत पर तेल दे रहा था। लेकिन इनको यह कबूल नहीं था। उन्होंने पाकिस्तान के अंदर ड्रोन हमले कर हजारों निर्दोष लोगों को मार दिया। मैंने जगह-जगह धरने देकर उसका विरोध किया था। हमने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका का साथ दिया था, उसके बदले में उन्होंने हमारे ही लोगों को मारना शुरू कर दिया।