पाकिस्तान हर हाल में अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश में जुटा हुआ है। यही कारण है कि पाकिस्तानी विदेश मत्री शाह महमूद कुरैशी अमेरिकी नेताओं ने लगातार मुलाकात कर रहे हैं। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी और सैन्य बेस को लेकर हुए विवाद के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन पाकिस्तान से खफा हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने आजतक इमरान खान से बात तक नहीं की है।
अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहता है पाकिस्तान : अब शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनका देश अमेरिका के साथ अपने पुराने संबंधों को और अधिक मजबूत करना चाहता है। कुरैशी ने सोमवार को अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति (एचएफएसी) के अध्यक्ष ग्रेगरी मीक्स और एचएफएसी की एशिया उपसमिति के अध्यक्ष अमी बेरा के साथ मुलाकाल भी की।
अमेरिकी नेताओं से मिल रहे पाक विदेश मंत्री : पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कुरैशी ने पाकिस्तान की यात्रा पर आए अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने पुराने संबंधों को महत्व देता है और इस रिश्ते को और मजबूत तथा व्यापक बनाना चाहता है। कुरैशी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान भू-अर्थशास्त्र की अनिवार्यता का अनुसरण कर रहा है और देश को व्यापार, निवेश और वित्त का केंद्र बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
अमेरिका से पाकिस्तान में निवेश की अपील : उन्होंने अमेरिकी कंपनियों को अन्य बढ़ते क्षेत्रों से लाभांश प्राप्त करने के अलावा, पाकिस्तान के आईटी और स्वास्थ्य क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद और अस्थिर सरकार के कारण कोई भी विदेशी निवेशक पाकिस्तान में निवेश करना नहीं चाहता है। दूसरा कारण पाकिस्तान के ऊपर लगा एफएटीएफ का प्रतिबंध भी है।
इमरान खान जता चुके हैं बेबसी : जो बाइडन के फोन न करने को लेकर इमरान खान सार्वजनिक रूप से बेबसी जता चुके हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति तो एक बिजी व्यक्ति हैं, इसलिए फोन नहीं किया होगा। पाकिस्तान के बड़बोले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद यूसुफ ने धमकाने के अंदाज में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार पाकिस्तान की उपेक्षा करते रहे तो हमारे पास और भी विकल्प मौजूद हैं।
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