चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शीत युद्ध को लेकर दिए गए बयान पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। चीन ने उनके बयान को अधिक तवज्जो न देते हुए कहा कि अमेरिका को पेइचिंग के खिलाफ छोटे समूहों के गठन से बचना चाहिए। चीन का इशारा क्वाड और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए ऑकस सौदे की ओर था।
बाइडन ने क्या कहा था? : दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच बाइडन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा बैठक में अपने संबोधन में कहा कि वह एक और नया शीत युद्ध नहीं चाहते हैं। उन्होंने हालांकि चीन का नाम नहीं लिया और कहा कि हम एक नया शीत युद्ध या दृढ़ गुटों में बंटी हुई दुनिया नहीं चाहते हैं।
चीन के खिलाफ छोटे समूहों को बनाना छोड़े अमेरिका : शीत युद्ध संबंधी बाइडन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय मामलों में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा इसके अलावा अमेरिका को ‘शून्य-संचय खेल’ (जीरो-सम गेम) तथा छोटे समूहों के गठन को छोड़ देना चाहिए।
वर्चस्ववादी धौंस…? क्या बोला चीन : उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान करते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वर्चस्ववादी धौंस पर जोर नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों को लाभ के लिए सहयोग के साथ ही ऊंची दीवारों और व्यवधानों को दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि संबंधित देश समय की प्रवृत्ति का पालन करेगा, चीन और उसके विकास को उद्देश्यपरक और निष्पक्ष तरीके से देखेगा।
जिनपिंग ने भी क्वाड और ऑकस पर निशाना साधा : उल्लेखनीय है चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बाइडन के संबोधन के कुछ घंटों बाद ही अपना भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण में समूहों के गठन का उल्लेख किया। वह जाहिर तौर पर क्वाड तथा ऑकस पर निशाना साध रहे थे। क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं वहीं ऑकस में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं।