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November 22, 2024
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अदालत के फैसले से दुखी, इमरान खान का युवाओं और समर्थकों को संदेश…

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने नेशनल असेंबली को भंग करने के विवादित फैसले को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पलटे जाने पर निराशा जताई है। इमरान खान ने कहा कि हम देश में किसी भी आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे। शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले राष्ट्र के नाम एक संबोधन में 69 वर्षीय खान ने अपने समर्थकों और खासकर युवाओं से रविवार शाम को उनके साथ सड़क पर उतरने का आह्वान किया। इमरान ने अपने संबोधन में कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका का सम्मान करता हूं, लेकिन शीर्ष अदालत को अपना फैसला देने से पहले एक धमकी भरे पत्र पर गौर करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार शनिवार को उन्हें नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।
अविश्वास प्रस्ताव से पहले राष्ट्र के नाम एक संबोधन में इमरान खान ने इस बात पर दुख जताया कि शीर्ष अदालत ने अपने गुरुवार के फैसले में ‘विदेशी साजिश’ के एंगल पर विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस एंगल पर कम से कम जांच शुरू करनी चाहिए थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारे खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में उपाध्यक्ष के निर्णय को खारिज कर दिया। इस पर हमें खेद है। मैं सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका का सम्मान करता हूं, लेकिन फैसला देने से पहले शीर्ष अदालत को धमकी भरे पत्र पर गौर करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में विदेशी हस्तक्षेप था। मैं चाहता था कि सुप्रीम कोर्ट कम से कम इसे देखे। यह एक बहुत ही गंभीर आरोप था कि एक विदेशी मुल्क, साजिश के तहत सरकार को गिराना चाहता है।
विदेशी साजिश के मुद्दे पर नहीं हुई चर्चा : इमरान खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कम से कम उस चिट्‌ठी को मांग सकता था। दस्तावेज देख सकता था कि क्या हम सच बोल रहे हैं। मैं थोड़ा निराश हूं, क्योंकि यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है और सुप्रीम कोर्ट में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। पिछले शासन के तहत अपनी गिरफ्तारी का हवाला देते हुए इमरान खान ने कहा कि उनका द्दढ़ विश्वास है कि न्यायपालिका देश में न्याय की संरक्षक है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं खरीद-फरोख्त के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 63 (ए) पर अदालत के रुख से निराश हूं।
इमरान ने की युवाओं की बात : इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के युवा हमारा भविष्य हैं। अगर वे नेताओं को अपना विवेक बेचते हुए देखते हैं, तो हम उनके लिए क्या मिसाल कायम कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर होने से पहले ही, अमेरिकी अधिकारी ने पाकिस्तानी राजदूत को चेतावनी दी थी कि अगर इमरान खान खुद को बचाने में कामयाब हो जाते हैं, तो पाकिस्तान को ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने होंगे। इमरान ने कहा कि अमेरिका को पता चल गया था कि विपक्ष की योजना पहले से है। यह भी कि नया पीएम कौन होगा।
मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय पीठ ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के नेशनल असेंबली उपाध्यक्ष का फैसला गुरुवार को सर्वसम्मति से रद्द कर दिया था। कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव को रद्द करने और नेशनल असेंबली को भंग करने के सरकार के कदम को असंवैधानिक बताया। इसके बाद इमरान खान ने इस मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित किया।
बहुमत खो चुके हैं इमरान : इमरान खान के पास 342 सदस्यीय पाकिस्तान एसेंबली में बहुमत नहीं है। उन्होंने अपने इन आरोपों को दोहराया कि एक अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की धमकी दी थी। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने निचले सदन के अध्यक्ष को भी अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन के लिए 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर नए प्रधानमंत्री का चुनाव कराने का आदेश दिया था। प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है।
विपक्ष ने इससे अधिक संख्या का पहले ही समर्थन दिखा दिया है। अब इमरान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। क्रिकेटर से नेता बने इमरान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे। हालांकि, वह वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था। पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।

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