मध्य प्रदेश में लोगों को एक बार फिर महंगी बिजली (Madhya Pradesh Power Tarrif) का झटका लग सकता है। बिजली कंपनियों की डिमांड पर दरें बढ़ाने की तैयारी हो रही है। अभी जिस टैरिफ रेट का जिक्र कंपनियों की ओर से किया गया है अगर उसे लागू किया जाता है तो प्रति यूनिट 28 पैसे से 58 पैसे की बढ़ोतरी संभव है। बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए करीब 8.71 फीसदी दर पर बढ़ोतरी को लेकर याचिका दायर की है। जिसे मध्य प्रदेश राज्य नियामक आयोग स्वीकार कर लिया है, हालांकि रेट बढ़ाने पर आखिर फैसला अभी नहीं लिया गया है।
बिजली दरों में इजाफे पर राज्य नियामक आयोग लेगा फैसला : प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोतरी कब होगी, ये फैसले राज्य नियामक आयोग की ओर से किया जाएगा। इससे पहले आयोग बिजली उपभोक्ताओं की ओर से आने वाली डिमांड और आपत्ति पर विचार करेगा। अगर बिजली कंपनियों की मांग के मुताबिक रेट बढ़ते हैं तो आम उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर होगा।
बिजली वितरण कंपनियों ने इसलिए की दरें बढ़ाने की मांग : जानकारी के मुताबिक, हर एक यूनिट पर 28 पैसे से 58 पैसे की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके साथ ही बिजली बिल पर 12 फीसदी सर्विस टैक्स भी लगेगा। मध्य प्रदेश में बिजली का वितरण करने वाली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 48 हजार 874 करोड़ रुपये की जरूरत बताई है।
एक साल में तीसरी बार होगा बिजली दरों में इजाफा : कंपनी की ओर से दावा किया गया कि अगर इस लक्ष्य को पूरा करना है तो बिजली की दरों में इजाफा जरूरी है। अगर बिजली की दरें बढ़ती हैं तो आम उपभोक्ताओं को साल में तीसरी बार महंगी बिजली का झटका लेगा। इससे पहले 17 दिसंबर 2020 को कंपनी ने बिजली की दरों में 1.98 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। फिर जून 2021 में दरों में 0.69 फीसदी का इजाफा किया गया था।