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November 22, 2024
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अमेरिका बनाम चीन में फंसा नेपाल


नेपाल में अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर बड़ा राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। अमेरिका के मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) समझौते को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मोर्चा खोला हुआ है। उधर, अमेरिका ने भी नेपाल को डेडलाइन दे दी है।
शेर बहादुर देउबा, जो बाइडेन और केपी शर्मा ओली : काठमांडू/वॉशिंगटन:अमेरिका बनाम चीन (US China Tension) की लड़ाई में नेपाल (US Nepal Relations) फंसता दिखाई दे रहा है। बाइडेन प्रशासन ने मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (Millennium Challenge Corporation) पर फैसला करने के लिए अंतिम समयसीमा का निर्धारण कर दिया है। अमेरिका ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर नेपाल इस समझौते को मंजूरी देने में नाकाम रहता है तो हम इसे वापस ले लेंगे। एमसीसी समझौता (MCC Agreement) के रद्द होने से पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा नेपाल मुश्किल में फंस सकता है। दूसरी तरफ उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी सहायता से भी हाथ धोना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि चीन के दबाव में नेपाल ने पिछले पांच साल से एमसीसी समझौते को आखिरी मंजूरी नहीं दी है।
नेपाल के प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा गठबंधन सहयोगियों के नेताओं के बीच मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन पर आम राय बनाने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन, उन्हें अब तक को कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है। 2017 में नेपाल और अमेरिका के बीच एमसीसी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। लेकिन उसके बाद इस समझौते को नेपाली संसद से आज तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। प्रावधान के अनुसार, एमसीसी के कार्यान्वयन के लिए नेपाली संसद से मंजूरी मिलना जरूरी है।
नेपाल को 28 फरवरी से पहले देनी होगी मंजूरी : इस बीच अमेरिका के एमसीसी मुख्यालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर अब देरी हुई तो नेपाल के लिए अमेरिकी अनुदान समाप्त हो सकता है। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और सरकार में उनके साथी सीपीएन माओवादी नेता पुष्प कमल दहल को लिखे पत्र में अमेरिका ने नेपाल सरकार को संसद से समझौते का समर्थन करने के लिए 28 फरवरी की समय सीमा दी है।
22 मार्च को अमेरिका लेगा आखिरी फैसला : एमसीसी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कहा कि 28 फरवरी तक अहगर आपकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो एमसीसी बोर्ड 22 मार्च की बैठक के रूप में अगले कदमों पर चर्चा करेगा। अगर 28 फरवरी तक नेपाल ने मंजूरी नहीं दी तो बोर्ड के पास अधिकार होगा कि वह नेपाल को दी जाने वाली लाखों डॉलर की मदद को खत्म कर दे। इस तरह के निर्णय से नेपाल के साथ एमसीसी की साझेदारी समाप्त हो जाएगी।
समझौते के जरिए नेपाल को आर्थिक मदद देगा अमेरिका : मिलैनियम चैलेंज कोऑपरेशन (MCC) के तहत अमेरिका नेपाल की एक परियोजना के लिए मदद दे रहा है। वॉशिंगटन 2017 इस मदद को सहमत हुआ था। अमेरिका ने 500 मिलियन डॉलर की मदद को तैयार हुआ था जबकि नेपाल 130 मिलियन डॉलर खुद निवेश करता। इस मदद से नेपाल एक पावर ट्रांसमिशन लाइन और 300 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड करने वाला था। MCC का लक्ष्य अमेरिका का इंडो-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम रहना है। यही कारण है कि चीन समर्थक केपी शर्मा ओली लगातार इस समझौते का विरोध करते रहे हैं।

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