भारतीय टीम में दो बोलिंग कोच को आवश्यकता है एक तेज़ गेंदबाजी के लिए तो एक स्पिन गेंदबाजी के लिए क्योकि दोनो तरह की गेंदबाजी में अलग अलग विविधताएं होती है और एक तेज़ गेंदबाज़ को एक अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ी करने वाला खिलाड़ी ही तेज़ गेंदबाज़ी की बारीकियां बता सकता है जबकि एक स्पिन गेंदबाजी करने वाले को एक अनुभवी स्पिनर ही इसके बारे में बता सकता है। एक तेज़ गेंदबाज़ स्विंग ,रिवर्स स्विंग के बारे में जानना चाहेगा और यह उसे एक अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ ही बता सकता है जबकि एक स्पिनर गुगली, फ्लिपर या टॉप स्पिन के बारे में जानना चाहता है तो उसे इस बारे में वक्त अनुभवी स्पिनर ही बता सकता है : ऐसा मानना है पूर्व तेज़ गेंदबाज और पूर्व रणजी ट्रॉफी खिलाड़ी के के शर्मा का आज गेंदबाज़ी के विभिन्न पहलुओं पर बात करते हुए श्री के के शर्मा ने स्पोर्ट्स एज को बताया कि आज क्रिकेट में बहुत सारे परिवर्तन हो गए है। एक दिवसीय , टी 20 या फिर टेस्ट मैच हो इन सभी फॉर्मेट में तेज गेंदबाज़ हो या फिर स्पिनर हर खिलाड़ी को सभी फॉर्मेट में अलग अलग तरह से बोलिंग करना होती है और अपने आप को उस फॉर्मेट में ढालने के लिए उसे बार बार अपनी गेंदबाज़ी में परिवर्तन करना होता है और इसी मुख्य कारण से आज वह अलग अलग गेंदबाजी कोच की वकालात कर रहे है। वह स्वयं भी बीसीसीआई के बी लेबल कोच है और तेज़ गेंदबाज़ भी रहे है। आज भारत के पास तेज़ गेंदबाज़ी के लिए तो कोच है लेकिन स्पिनर के लिए नही और आज इस स्पिन कोच की भूमिका में वह इस वक्त नरेंद्र हिरवानी को सर्वश्रेष्ठ स्पिन कोच मानते है जिसने अपने पहले ही टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ 16 विकेट लिए और पिछले 25 वर्षों से अपनी गुगली, फ्लिपर और टॉप स्पिन गेंदबाजी से पूरे क्रिकेट जगत में अपनी छाप छोड़ी और पूरी दुनिया मे अपना जलवा बिखेरा और उन्होंने बतौर स्पिनर कोच राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में 6 वर्षो से अनुभवी स्पिनरों के साथ काम भी किया है। श्री नरेन्द्र हिरवानी ने 167 प्रथम श्रेणी मैच खेलते हुए 732 विकेट भी लिए है। स्पिन गेंदबाजी कोच के आने से श्री के के शर्मा का मानना है कि अगर ऐसा हो जाता है तो आप विश्वास कीजिये आने वाले समय मे भारतीय स्पिन गेंदबाजी अटेक में और पैनापन आएगा और सपाट विकेट पर भी स्पिनर अपना जलवा दिखा सकेंगे। साथ ही अश्विन, कुलदीप, रवि विश्नोई, राहुल चहार और अक्षर पटेल बेहतरीन प्रदर्शन कर सकेंगे।