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November 23, 2024
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खेल

साउथ अफ्रीका ने 4 रनों से जीत सीरीज 3-0 से की क्लीन स्वीप


साउथ अफ्रीका की यंग ब्रिगेड ने दिग्गजों से भरी भारतीय टीम को हर विभाग में पटकनी देते हुए टेस्ट के बाद वनडे सीरीज भी अपने नाम कर ली। सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुके साउथ अफ्रीका ने तीसरे और आखिरी वनडे में पहले बैटिंग करते हुए सभी विकेट खोकर 287 रन बनाए। जवाब में केएल राहुल की कप्तानी वाली टीम इंडिया 49.2 ओवरों में सभी विकेट खोकर 283 रन बना सकी। दीपक चाहर तूफानी हाफ सेंचुरी जड़ते हुए मैच में रोमांच जरूर लेकर आए, लेकिन भारत को जीत नहीं दिला सके। साउथ अफ्रीका ने टेस्ट सीरीज 2-1 से जीता था और अब वनडे सीरीज को 3-0 से क्लीन स्वीप किया। यह 5वां मौका है, जब भारत वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप (3 या उससे अधिक मैच) झेलने को मजबूर हुआ है।
बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद दक्षिण अफ्रीका की पारी 49.5 ओवर में 287 रन पर सिमट गई। उसके लिए फॉर्म में चल रहे ‘मैन आफ द मैच’ और ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ डि कॉक ने 124 रन (12 चौके और दो छक्के) की शानदार शतकीय पारी जबकि रासी वान डर डुसेन (चार चौके और एक छक्का) ने 52 रन की पारी खेली। इस लक्ष्य के जवाब में भारतीय टीम रोमांचक मुकाबले में दीपक चाहर की अंत में खेली गई 54 रन (34 गेंद में पांच चौके और दो छक्के) की पारी से जीतने के करीब पहुंचने के बाद 49.2 ओवर में 283 रन पर सिमट गई और उसकी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ क्लीन स्वीप से बचने की उम्मीद टूट गयी।
दीपक चाहर ने दबाव की परिस्थितियों के बावजूद जबरदस्त जज्बा दिखाया। पर उनकी, सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की 61 और पूर्व कप्तान विराट कोहली की 65 रन की अर्धशतकीय पारियां भी टीम के काम नहीं आ सकीं। भारतीय कप्तान केएल राहुल का बल्ला इस मैच में नहीं चला और वह पांचवें ओवर में लुंगी एंगिडी (58 रन देकर तीन विकेट) की पहली गेंद पर पर बल्ला छुआकर पहली स्लिप में खड़े यानेमन मलान को कैच दे बैठे। राहुल का विकेट गिरने के बाद धवन और कोहली ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों का डटकर सामना किया और उन्हें खुद पर हावी नहीं होने दिया।
धवन और कोहली ने दूसरे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी बना ली थी और इसे मजबूत करने की ओर बढ़ रहे थे। धवन ने 17वें ओवर में 58 गेंद में पांच चौके और एक छक्के से 35वां अर्धशतक पूरा किया। इसके साथ ही अगले ओवर में टीम ने 100 रन भी पूरे किए। केशव महाराज लगातार कसी गेंदबाजी कर रहे थे। पर दोनों ने उम्मीदों के अनुरूप रन जोड़ना जारी रखा। धवन (73 गेंद में पांच चौके और एक छक्का) एंडिले फेलुकवायो (40 रन देकर तीन विकेट) की गेंद को हुक करने के प्रयास में ऊंचा खेल बैठे और विकेटकीपर डि कॉक ने आसान कैच लेकर उनकी पारी और दूसरे विकेट की 98 रन की साझेदारी समाप्त की।
इसी ओवर में टीम ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का विकेट गंवा दिया जो खाता भी नहीं खोल सके। पंत से कोहली के साथ अच्छी भागीदारी की उम्मीद थी। पर वह गलत समय पर ऐसा शॉट खेले बैठे जिसके उस समय खेलने की जरूरत नहीं थी और डीप प्वाइंट पर सिसांडा मगाला ने उनका कैच लपका। फेलुकवायो ने 23वें और अपने इस दूसरे ओवर में दो विकेट झटक लिए। इससे भारतीय टीम दबाव में आ गयी। अब जिम्मेदारी कोहली और श्रेयस अय्यर (26 रन) पर थी। फिर कोहली ने अपना 64वां वनडे अर्धशतक 63 गेंद में चार चौके की मदद से पूरा किया।
भारतीय टीम का स्कोर 30 ओवर के बाद तीन विकेट पर 152 रन था। केशव महाराज ने किफायती गेंदबाजी करना जारी रखा, उन्होंने अपने अंतिम ओवर में भारत को चौथा झटका कोहली के रूप में दिया। 32वें ओवर में कोहली उनकी गेंद के टर्न और उछाल को समझ नहीं सके और गेंद उनके बल्ले का किनारा छूकर बावुमा के हाथों में गयी जो कवर प्वाइंट से भाग कर इसे लपकने दौड़े। सूर्यकुमार यादव (39 रन) अब क्रीज पर थे और उन्होंने आते ही ऐडन मार्कराम पर छक्का जड़ा। पर अगले ओवर में वह भाग्यशाली रहे कि गेंद करीब से स्टंप से चूक गयी।
अय्यर और सूर्यकुमार ने पांचवें विकेट के लिए 39 रन जोड़ लिए थे लेकिन यह साझेदारी आगे नहीं बढ़ सकी। अय्यर (34 गेंद में दो चौके) 38वें ओवर में सिसांडा मगाला की गेंद पर पुल शॉट लगाने के प्रयास में आउट हो गए। अब टीम का स्कोर पांच विकेट पर 195 रन था। टीम ने इसी ओवर में 200 रन पूरे किए। सूर्यकुमार तेजी से रन जुटा रहे थे और 40वें ओवर में ड्वेन प्रिटोरियस की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में मिडऑफ पर बावुमा को कैच दे बैठे। भारत ने छठा विकेट 210 रन के स्कोर पर गंवाया। जयंत यादव (02) छह गेंद ही खेल पाये थे और एंगिडी का शिकार बने
चाहर ने इसके बाद दबाव भरी परिस्थिति में बेहतरीन बल्लेबाजी की और जसप्रीत बुमराह के साथ आठवें विकेट के लिए 55 रन की भागीदारी की। पर भारत का दुर्भाग्य कि वह 48वें ओवर में एंगिडी की गेंद का शिकार हो गए। भारत ने इस तरह आठवां विकेट 278 रन पर गंवाया। टीम आराम से जीत सकती थी। उसे अंतिम दो ओवर में जीत के लिए आठ रन चाहिए थे। लेकिन बुमराह (12) के आउट होने के बाद युजवेंद्र चहल (02) और प्रसिद्ध कृष्णा टीम को जीत तक नहीं ले जा सके। टीम 49.2 ओवर में सिमट गयी। इससे पहले डि कॉक ने 130 गेंद में 124 रन की पारी खेली और वान डर डुसेन के साथ चौथे विकेट के लिए 144 रन की भागीदारी निभायी।
इसके बाद भारत ने इन दोनों के लगातार विकेट झटक कर घरेलू टीम की रन गति पर लगाम कसी। अपने छठे वनडे शतक से डि कॉक ने भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी एबी डिविलियर्स के रिकॉर्ड की भी बराबरी की। कप्तान लोकेश राहुल का पहले गेंदबाजी करने का फैसला कारगर रहा क्योंकि दक्षिण अफ्रीका ने आठ रन ही बनाये थे कि दीपक चाहर (53 रन देकर दो विकेट) ने सलामी बल्लेबाज यानेमन मलान (01) को तीसरे ओवर की पहली गेंद पर विकेटकीपर के हाथों कैच आउट कराया
भारतीयों के लिए यह बड़ा विकेट था क्योंकि मलान ने पार्ल में दूसरे वनडे में 91 रन की शानदार पारी खेली थी जिसमें जीत से दक्षिण अफ्रीका ने श्रृंखला अपने नाम कर ली थी। इसका श्रेय चाहर को जाना चाहिए जिनकी अंदर की ओर कोण लेती फुल लेंथ गेंद को मलान समझ नहीं सके और विकेट गंवा बैठे। भारतीय कप्तान राहुल के मिडऑफ से फेंके गए सीधे थ्रो से फॉर्म में चल रहे दक्षिण अफ्रीकी कप्तान तेम्बा बावुमा की आठ रन की पारी खत्म हुई जो समय पर नान-स्ट्राइकर छोर पर पहुंचने में असफल रहे। यह भी भारत के लिए बड़ा ब्रेक था क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने शुरुआती वनडे में शतक जड़ा था और दूसरे मैच में भी अच्छा योगदान दिया था।
पॉवरप्ले में दो विकेट हासिल करने के बाद भारत सही दिशा में बढ़ रहा था जब ऐडन मार्कराम ने डीप स्क्वायर लेग क्षेत्र में पुल शॉट खेलने का प्रयास किया लेकिन स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक रुतुराज गायकवाड़ को कैच दे बैठे और इस तरह 13वें ओवर में मेजबान टीम का स्कोर तीन विकेट पर 70 रन हो गया। डि कॉक और वान डर डुसेन ने हालांकि इन झटकों के बावजूद अच्छी साझेदारी निभायी जिसमें उन्होंने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण से निपटने के लिए आक्रामकता के साथ पूरी सतर्कता बरती। डि कॉक दो चौकों के साथ 90 रन तक पहुंचे और फिर उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा (59 रन देकर तीन विकेट) के सिर के ऊपर सीधा छक्का जड़ दिया।
उन्होंने शतक पूरा करने के लिए समय लिया और थोड़ी देर तक 99 रन पर ही अटके रहे। उन्होंने श्रेयस अय्यर पर दो रन लेकर शतक पूरा किया। वान डर डुसेन ने युजवेंद्र चहल पर मिडविकेट पर चौका लगाया। इन दोनों ने विकेट के चारों ओर अलग अलग तरह के स्ट्रोक्स लगाकर रन जुटाये। लेकिन जब ऐसा दिख रहा था कि दोनों अपनी टीम को भारत के खिलाफ बड़े स्कोर की ओर पहुंचा देंगे, तभी मेहमानों ने उनके विकेट झटक लिए। डि कॉक (12 चौके और दो छक्के) जसप्रीत बुमराह (52 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर डीप स्क्वायर लेग में शिखर धवन को आसान कैच देकर पवेलियन पहुंचे। इसके बाद चहल ने वान डर डुसेन को डीप में अय्यर के हाथों कैच आउट कराया। इन दोनों के अलावा डेविड मिलर ने 39 रन और ड्वेन प्रिटोरियस ने 20 रन का योगदान दिया।

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