रोमांचक हुआ सेंचुरियन टेस्ट
सेंचुरियन में पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन पहले सत्र में भारत ने जब खेलना शुरू किया तो उम्मीद 400 के पार पहुंचने की थी। मगर राहुल के आऊट होते ही भारतीय टीम ने पहले घंटे में ही मात्र 15 ओवर में बचे हुए 7 विकेट गवा दिए। हालांकि 327 रन का स्कोर कम भी नहीं था। लेकिन भारतीय टीम को ऑल आउट कर अफ़्रीकन टीम ज्यादा खुश हो पाती उससे पहले ही बुमराह ने एल्गर को पंत के हाथों पैवेलियन लौटा दिया। सेंचुरियन का विकेट अपने मिजाज़ दिखा रहा था और नतीजा मात्र 34 रन तक अफ्रीकन टॉप ऑर्डर भी तू चल में आया की भारतीय टीम की कहानी में शामिल हो चुका था।
कहा जाता है कि टेस्ट मैच में क्रिकेट अपने कई रंग दिखाता है। मात्र 5 ओवर की गेंदबाज़ी करके बुमराह चोटिल हो गए और कुलदीप को विदेश में बेस्ट स्पिनर बताने के कारण शास्त्री से नाराज रवि चंद्रन अश्विन दिन भर टर्न ढूंढते रहे। इस मौके का फायदा उठाकर क्विंटन डिकॉक और बावुमा ने 72 रन की साझेदारी करके अफ़्रीका को 100 के पार पहुंचा दिया था। लेकिन मंहगे व औसत होने के बावजूद एन वक्त पर विकेट हासिल करने के शार्दुल के हुनर ने डिकाक को आऊट करके भारत को मैच में मजबूती से खड़ा कर दिया, नतीजा शाम होते होते अफ्रीकन टीम 197 पर ऑल आउट हो गई और भारतीय टीम को 130 रन की मज़बूत बढ़त हासिल हो गई।
भारतीय टीम को दूसरी पारी में फिर एक अच्छी शुरूआत की उम्मीद थी किंतु विकेट का मिजाज़ कहें या मयंक अग्रवाल की असहजता,, मयंक के आऊट होने से टेस्ट मैच अब ज्यादा रोमांचक हो गया है। भारतीय बल्लेबाज़ हाल के दिनों में अपनी पारी के दूसरे दिन के पहले सत्र में मजबूती से खड़े नहीं हो पाते हैं। यदि चौथे दिन भारत पहला सत्र अच्छे से निकाल लेता है और 350 तक का लक्ष्य देने में सफल हो जाता है तो भारत ड्राइविंग सीट पर बैठा दिखाई देगा किंतु आत्मविश्वास खो चुके पुजारा, बड़ी पारी की तलाश कर रहे कोहली और लगातार दर्शकों का भरोसा तोड़ रहे रहाणे के रूप में भारतीय मिडिल ऑर्डर यदिअसफलता की एक और इबारत लिखता है तो अफ्रीकन टीम इस मैच में वापसी भी कर सकती है। यदि भारतीय टीम की जीत की बात करें तो राहुल व कोहली के अलावा चौथे दिन का पहला घंटा सब कुछ तय कर देगा।
कुछ खिलाड़ी सफलता को ठीक से क्यों नहीं पचा पाते यह समझ से परे है। कुछ समय पहले कुलदीप ने 5 विकेट लेने के बाद मीडिया से बातचीत में बड़बोलापन दिखाया था फिर खुद असफल होते गए थे यहां तक कि आईपीएल में भी बाहर बैठे ही दिखाई देते रहे थे और अब इस टेस्ट से पहले अश्विन ने शास्त्री को निशाना बनाकर रोष प्रकट किया था किंतु अफ्रीका दौरे की पहली पारी में मैदान पर असरहीन साबित हुए। देश व विदेश में प्रदर्शन के अश्विन के तुलनात्मक आंकड़े शास्त्री को सही न सही किंतु गलत साबित भी तो नहीं करते। आगे अश्विन क्या करेंगे ये वह स्वयं बेहतर समझ सकते हैं किंतु इतना तो तय है कि इस अफ्रीकन दौरे पर भारतीय टीम को कलाई के स्पिनर की ज्यादा जरूरत है।