दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जिन लोगों को कोविड-19 हो चुका है उन्हें, वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन से संक्रमित होने की आशंका है। इन लोगों को डेल्टा समेत दूसरे वैरियंट की तुलना में ओमीक्रोन से संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है। अनुसंधानकर्ताओं का एक समूह दक्षिण अफ्रीका में दोबारा संक्रमित होने के मामलों का अध्ययन कर रहा है।
ओमीक्रोन के कारण दोबारा संक्रमण के मामले बढ़े : उन्होंने पता लगाया है कि ओमीक्रोन के आने के बाद से फिर से संक्रमित होने के मामलों में वृद्धि हुई है। ऐसा पहले सामने आए वायरस के प्रकारों, जिसमें डेल्टा भी शामिल है, नहीं देखा गया। इस अनुसंधान के नतीजों को गुरुवार को ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है। यह नतीजे प्रारंभिक हैं और अभी तक इनकी वैज्ञानिक समीक्षा नहीं की गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने यह नहीं बताया है कि दोबारा संक्रमण के कितने मामले ओमीक्रोन के हैं।
डेल्टा की अपेक्षा संक्रमण के ज्यादा चांस : यह भी नहीं कहा गया है कि ओमीक्रोन से संक्रमित हुए लोग गंभीर रूप से बीमार हुए या नहीं। अनुसंधानकर्ताओं में से एक, विटवाटर्सरैंड विश्वविद्यालय की ऐन वोन गोटबर्ग ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक प्रेस वार्ता में कहा, “पहले हुए संक्रमण से डेल्टा प्रकार से सुरक्षा मिलती थी, लेकिन ओमीक्रोन के साथ ऐसा नहीं है।”
वैक्सीन के प्रभाव को लेकर जानकारी नहीं : अध्ययन में टीकाकरण से मिली सुरक्षा के बारे में भी आंकड़े पेश नहीं किये गए हैं। वोन गोटबर्ग ने कहा कि हम मानते हैं कि टीकाकरण से गंभीर रूप से बीमार होने से बचा जा सकता है। ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए कई देशों ने पहले से ही अंतररराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन को प्रतिबंधित कर दिया है। यह वायरस 31 से अधिक देशों में पैर पसार चुका है।