26.4 C
Madhya Pradesh
December 4, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेशराजनीति

नवजोत सिंह सिद्धू के सियासी दांव के बाद अब सीएम चन्नी का क्या होगा?


पंजाब कांग्रेस की रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू सियासी मैच चल रहा था। पार्टी आलाकमान ने रेफरी बन इस मैच का फैसला कराया। कैप्टन किनारे हुए सिद्धू फ्रंटफुट पर खेलने लगे। सबको साधते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। ऐसा लगा कि अब सब कुछ ठीक हो गया है। इस बीच सियासी पिच पर इस बार चरणजीत सिंह चन्नी बनाम नवजोत सिंह सिद्धू का मैच दिखाई देने लगा। पहले मैच में कैप्टन अमरिंदर ने इस्तीफा दिया था। इस बार सुलह-चर्चा से पहले ही खुद सिद्धू ने इस्तीफे का दांव खेल दिया। पार्टी आलाकमान ने हालांकि सिद्धू का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं किया है।
सीएम चन्नी की विदाई हो जाएगी? : इस बीच सवाल सामने है कि सिद्धू को अभी तक पूरे मामले में आलाकमान का पूरा साथ मिला है। ऐसे में अब मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का का क्या होगा। यदि सिद्धू का सियासी दबाव काम कर गया तो कही चन्नी की विदाई तो नहीं हो जाएगी। हालांकि, कई जानकार मानते हैं कि चन्नी की विदाई इतनी जल्दी संभव नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने अभी तक इस मामले में खुलकर कुछ नहीं कहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान चाहता है कि पार्टी के राज्य इकाई के नेता अपने स्तर पर यह मामला सुलझाएं। इस पूरे मसले पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। बैठक में सभी कैबिनेट मंत्रियों को शामिल होने को कहा गया है। इस मीटिंग में ही तय होगा कि सिद्धू को मनाया जाएगा या नहीं।
क्या पंजाब में फ्लोर टेस्ट होगा? : इस बीच खबर है कि पंजाब में कांग्रेस के भीतर से ही फ्लोर टेस्ट की मांग उठ रही है। मंगलवार को दिनभर की उठापटक के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमे के विधायकों ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर दी। उससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने नए सीएम के शपथ ग्रहण के दिन ही फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर विधानसभा में शक्ति परीक्षण की बात आई तो क्या नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी सरकार बचा पाएंगे?
तीन खेमों में बंट गई है पार्टी : मौजूदा हालात में कांग्रेस पार्टी तीन भागों में बंटी हुई नजर आती है। इसमें एक खेमा कैप्टन अमरिंदर सिंह तो दूसरा खेमा नवजोत सिंह सिद्धू का है। वहीं, तीसरा खेमा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का भी बन गया है। तीनों ही खेमे के नेता यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास ज्यादातर विधायक हैं मगर विधायकों की संख्या तो 77 ही है। और अगर फ्लोर टेस्ट पास करना है तो 117 सीटों वाली विधानसभा में 59 विधायकों का समर्थन चाहिए। तो क्या इन तीनों खेमों में से किसी के भी पास 59 विधायक है या नहीं।
चन्नी की जमीन कितनी मजबूत है : हैवीवेट कैप्टन और नए प्रदेश प्रधान सिद्धू के बीच पंजाब के नवनियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी कहां पर हैं। कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में दलित सीएम बनाकर पंजाब में संतुलन साधने की कोशिश तो की पर फिलहाल उसका असर नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी के तेवर बदले नजर आने लगे। सियासत की जमीन पर चन्नी दो कदम आगे बढ़कर फैसले करने लगे तो शायद बड़े नेता इस बात को पचा नहीं पाए। चर्चा है कि शायद इसी से नाराज होकर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया। मगर सवाल ये है कि अगर फ्लोर टेस्ट हो गया तो चन्नी सरकार बचा पाएंगे। अगर आला कमान के दबाव में पार्टी ने एकजुटता दिखाई तो भी चन्नी के लिए सिद्धू की प्रधानी में राह आसान नहीं होने वाली है।

Related posts

नए पीएम ने जारी किया पासपोर्ट, पूर्व पीएम नवाज शरीफ के फिर से पाकिस्तान लौटने का रास्ता साफ

Pradesh Samwad Team

पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष बने रहेंगे सिद्धू, दिल्‍ली आकर बोले- आलाकमान का हर फैसला मंजूर

Pradesh Samwad Team

तालिबान ने अफगानिस्तान पर राज का मनाया ऐसा जश्न, निकाला अमेरिका-ब्रिटेन का ‘जनाजा’

Pradesh Samwad Team