मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने दो मुंह वाले पांच रेड सैंड बोआ सांपों के साथ वन्य जीवों के चार तस्करों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया।
एसटीएफ के मुताबिक खासकर अंधविश्वास और तांत्रिक क्रियाओं में इस्तेमाल के चलते दुर्लभ प्रजाति के ये काले सांप बाजार में बेहद ऊंची कीमत पर बिकते हैं और तस्करों से बरामद पांच सांपों का कुल अंतरराष्ट्रीय मूल्य 2.25 करोड़ रुपये आंका जा रहा है।
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एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने संवाददाताओं को बताया कि मुखबिर की सूचना पर खुड़ैल क्षेत्र में नाकाबंदी कर चार मोटरसाइकिल सवारों को पकड़ा गया और तलाशी लिए जाने पर इनके बैग में पांच रेड सैंड बोआ सांप पाए गए।
उन्होंने बताया, “वन्य जीव तस्करों से बचाए गए दुर्लभ सांपों को इंदौर के कमला नेहरू चिड़ियाघर भेजा गया है। इनकी तस्करी के अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।”
जानकारों ने बताया कि रेड सैंड बोआ भारत के साथ ईरान और पाकिस्तान में भी पाया जाता है और दो मुंह वाला यह सांप जहरीला नहीं होता। जानकारों के मुताबिक रेड सैंड बोआ का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र तथा अंधविश्वास से जुड़े कार्य-कलापों के साथ ही दवाएं बनाने में भी किया जाता है और तस्करी के कारण इस जीव के वजूद पर खतरा बढ़ता जा रहा है।