तालिबान के ऊपर अफगानिस्तान में स्थिर समावेशी सरकार चलाने की जिम्मेदारी है। यह कहना है सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद का। वे पहली बार भारत के दौरे पर आए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जो वादे तालिबान ने किए हैं, वे उसे पूरे करने पड़ेंगे। तालिबान को आतंकवादी समूहों को जड़ें जमाने का मौका नहीं देना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ रविवार की मुलाकात के बाद, प्रिंस फैसल ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत की।
तालिबान 2.0 पर सऊदी अरब की दो टूक : प्रिंस फैसल ने साफ कहा कि तालिबान ने दुनिया के आगे जो वादे किए हैं, वे पूरे करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सुरक्षा और आतंकी समूहों को जड़ें जमाने की अनुमति नहीं देने का वादा किया है। और निश्चित ही हमें उन्हें जवाबदेह ठहराने का रास्ता खोजना होगा। और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच समन्वित दृष्टिकोण की जरूरत पड़ेगी।’ अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद पहली बार सऊदी ने इतनी सफाई से राय रखी है।
काबुल की कमान अब तालिबान के हाथ में है। उनके ऊपर अफगान लोगों को स्थिरता देने, एक ऐसी सरकार बनाने जो अफगानिस्तान के लोगों को जरूरी सुरक्षा मुहैया कराए, साथ ही जरूरी आर्थिक, सामाजिक और अन्य ढांचे भी उपलब्ध कराए, का जिम्मा है। और मुझे लगता है कि उसे हासिल करने का एक ही रास्ता है कि समाज के सभी अंगों को शामिल किया जाए।
90s से अलग रुख, इस बदलाव की वजह क्या है? : तालिबान को लेकर सऊदी अरब का ताजा स्टैंड 1990s से काफी अलग है। उसके रुख में इस बदलाव के पीछे तालिबान 2.0 के साथ कतर, तुर्की और ईरान के करीबी रिश्ते हैं। तीनों ही सऊदी अरब के प्रतिद्वंदी हैं। यह भी ध्यान रखना होगा कि तालिबान ने अपनी सरकार की ताजपोशी में तुर्की, ईरान, कतर, पाकिस्तान, रूस और चीन को आमंत्रण भेजा मगर सऊदी अरब और UAE को भूल गया। 1990 के दशक में यही दोनों तालिबान के साथ मजबूती से खड़े रहते थे।
भारत क्यों आए हैं प्रिंस फैसल? : जयशंकर ने प्रिंस फैसल से मुलाकात के बाद ट्वीट में कहा कि दोनों के बीच रणनीतिक साझेदारी के राजनीतिक, सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं पर चर्चा हुई। दोनों विदेश मंत्रियों ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर विस्तार से बात की। इसके अलावा यूएन, जी-20 और जीसीसी जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भी द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में प्रिंस फैसल ने कहा, ‘भारत और सऊदी अरब का रिश्ता हमारे लिए महत्वपूर्ण है, एक प्रमुख प्राथमिकता।’ उन्होंने कहा कि उनका दौरा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि रिश्ते की रफ्तार बनी रहे।