काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान के लड़ाके अब विद्रोहियों के गढ़ पंजशीर घाटी की ओर बढ़ रहे हैं। यह अफगानिस्तान का वह हिस्सा है, जो अबतक तालिबान के कब्जे में नहीं आया है। उधर इस इलाके में विद्रोहियों का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद ने भी ऐलान किया है कि उनकी सेना भी जंग के लिए तैयार हैं। उन्होंने तालिबान को भीषण रक्तपात की चेतावनी भी दी है। पंजशीर को लंबे समय से तालिबान विरोधी गढ़ के रूप में जाना जाता है।
पंजशीर बना तालिबान के लिए बड़ा नासूर : जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण किया है, तभी से पंजशीर घाटी में विद्रोही लड़ाके जुटना शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें सबसे ज्यादा संख्या अफगान नेशनल आर्मी के सैनिकों की है। इस गुट का नेतृत्व नॉर्दन एलायंस ने चीफ रहे पूर्व मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद कर रहे हैं। उनके साथ पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और बल्ख प्रांत के पूर्व गवर्नर की सैन्य टुकड़ी भी है।
तालिबान के सैकड़ों लड़ाके पंजशीर की ओर बढ़े : तालिबान ने अपने अरबी ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि इस्लामिक अमीरात के सैकड़ों मुजाहिदीन इसे नियंत्रित करने के लिए पंजशीर राज्य की ओर बढ़ रहे हैं, स्थानीय राज्य के अधिकारियों ने इसे शांतिपूर्वक सौंपने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि तालिबान के इस ऐलान के बाद पंजशीर प्रांत के इलाके में भारी खून-खराबा हो सकता है। पंजशीर अगर तालिबान के कब्जे में आ जाता है तो इससे विद्रोही समूहों के हौसले पस्त हो सकते हैं।
पंजशीर में 9000 की सेना जंग को तैयार : एंटी तालिबान फोर्स के प्रवक्ता अली मैसम नाजरी ने बताया कि राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से हजारों की संख्या में लोग पंजशीर आए हैं। पंजशीर में अहमद मसूद ने लगभग 9000 विद्रोही सैनिकों को इकट्ठा किया है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने बताया है कि इस इलाके में दर्जनों रंगरूट ट्रेनिंग एक्सरसाइज और फिटनेस प्रैक्टिस करते दिखे हैं। इन लड़ाकों के पास हम्वी जैसी गाड़ियां भी हैं।