उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बीच ‘बुखार’ से मौतें दर्ज हो रही हैं। न्यूज एजेंसी AFP ने सरकारी मीडिया के हवाले से कहा कि ‘बुखार’ से छह लोगों की मौत हो गई है। नॉर्थ कोरिया की सरकार ने कहा है कि 1,87,000 लोगों को आइसोलेट कर उनका इलाज किया जा रहा है। यह साफ नहीं है कि कौन सा बुखार फैला है जिसकी वजह से मौतें हुईं। उत्तर कोरिया में दो साल बाद कोरोना का पहला मामला सामने आया है। नए केस की पुष्टि के बाद किम जोंग उन ने देश में लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने अपील की है कि कोरोना से बचाव के उपायों को और अधिक बढ़ाया जाए और इनका सख्ती से पालन किया जाए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को राजधानी प्योंगयांग में कुछ लोगों के सैंपल की जांच की गई थी। इनमें कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक लोगों को घरों के भीतर रहने को कहा गया है और अधिकारियों द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया गया है।
कोरोना पर नॉर्थ कोरिया में सख्ती :कोरोना वायरस को दुनिया में सामने आए दो साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब से पहले तक उत्तर कोरिया ने अपने यहां कोरोना के मामलों के सामने आने की जानकारी नहीं दी थी। आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि कोविड के रिपोर्ट किए गए नए मामले वायरस के खतरनाक ओमीक्रोन वैरिएंट से जुड़े हुए हैं। एजेंसी ने कहा कि इसकी पुष्टि के बाद किम जोंग उन ने पार्टी के पोलित ब्यूरो और अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई और घोषणा की कि वे कोरोना से बचाव वाले नियमों को सख्ती से लागू करें और लोगों से इसका पालन कराएं।
एजेंसी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य कम से कम समय में कोरोना को जड़ से खत्म करना था। उधर, विशेषज्ञों का कहना है कि नॉर्थ कोरिया की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए देश को कोरोना के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।